नई दिल्ली. भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने व्हाट्सएप के ग्लोबल सीईओ विल कैथर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि भारतीय यूजर्स के लिए सेवा की नई शर्तें और प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लिया जाए.
मंत्रालय ने यूजर्स से जुड़े आंकड़ों की सुरक्षा पर सवाल उठाया और कहा कि चैट का डेटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने से फेसबुक की अन्य कंपनियों को यूजर्स के बारे में सारी सूचनाएं मिल जाएंगी. इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
यूजर्स के पास इनकार करने की गुंजाइश नहीं
मंत्रालय के मुताबिक व्हाट्सएप का यह कहना कि या तो हमारी शर्तें मानिए या फिर इसे छोड़िए यूजर्स को नई टर्म्स को मानने पर मजबूर कर रहा है. क्योंकि इसमें यूजर्स के पास इनकार करने की गुंजाइश नहीं है.
इसके लिए पहले व्हाट्सएप ने 8 फरवरी तक का समय दिया था, लेकिन अब इसको बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है. सरकार ने व्हाट्सएप को सुप्रीम कोर्ट के 2017 फैसले में आए प्राइवेसी नियमों को बारे में ध्यान दिलाया.
भारतीय यूजर्स के साथ भेदभाव पर भी सख्त ऐतराज
मंत्रालय ने भारतीय यूजर्स के साथ भेदभाव पर भी ऐतराज जताया है कि यूरोपीय संघ और भारत में अलग अलग प्राइवेसी पॉलिसी अपनाई जा रही है. भारत में व्हाट्सएप के सबसे अधिक उपयोगकर्ता हैं. इस भेदभाव से पता चलता है कि व्हाट्सऐप भारतीय उपयोगकर्ताओं का सम्मान नहीं करता.
सरकार ने व्हाट्सएप को याद दिलाया कि भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा करना उसका संप्रुभ अधिकार है जिस पर किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. बता दें कि व्हाट्सऐप ने फिलहाल अपनी नई पॉलिसी को लागू करने से रोक दिया है.