नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही monsoon rainfall से राज्य में भारी तबाही मची हुई है। HPSDMA के अनुसार, शनिवार सुबह तक 374 सड़कें बंद हैं, 524 बिजली ट्रांसफार्मर आउट ऑफ़ ऑर्डर हैं और 145 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हो चुकी हैं।
भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने संपर्क तोड़ा
राज्य के NH-305 और NH-05 समेत कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन और flash floods के कारण यातायात बाधित है। सबसे ज़्यादा प्रभावित जिले हैं मंडी, कुल्लू और किन्नौर, जहां पुनर्निर्माण का काम जारी है, लेकिन लगातार बारिश और नई भूस्खलन घटनाओं से इसमें रुकावट आ रही है। मंडी में 203 सड़कें बंद हैं और 458 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे। कुल्लू में 79 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें NH-305 पर झेड़ (खनाग) का बड़ा भूस्खलन शामिल है। जलापूर्ति योजनाएँ चंबा (24), कांगड़ा (41) और मंडी (44) में प्रभावित हुई हैं।
मानसून में बढ़ती मौतों का आंकड़ा: 257 लोग मरे
HPSDMA के अनुसार, 20 जून से अब तक 257 लोगों की जानें चली गई हैं। इनमें से 133 मौतें heavy rainfall, landslides, sudden floods और मकान ढहने जैसी घटनाओं के कारण हुईं, जबकि 124 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरे। सड़क हादसों का मुख्य कारण slippery roads और poor visibility रहा।
कांगड़ा (28 मौतें) सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा, उसके बाद मंडी (26), कुल्लू (11) और चंबा (10) का स्थान है। बिलासपुर, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन, लाहौल-स्पीति, हमीरपुर और ऊना भी प्रभावित जिले हैं।
सड़क दुर्घटनाएँ: मानसून का silent killer
सड़कें खराब होने के कारण accidents में इजाफा हुआ। कांगड़ा और किन्नौर में 12-12 मौतें, मंडी में 21, शिमला में 15 और चंबा में 20 मौतें हुईं।
संपत्ति और बुनियादी ढांचा को भारी नुकसान
मानसून से कुल economic loss लगभग 2,14,403 लाख रुपये है। सड़कों, बिजली लाइनों और जल प्रणालियों को भारी नुकसान हुआ है। हजारों घर damage हुए हैं, जबकि crops की नष्ट हुई कीमत 1,39,46 लाख रुपये के करीब है।
चेतावनी जारी: सावधानी जरूरी
अगले कुछ दिनों तक heavy rainfall जारी रहने की संभावना है। अधिकारी निवासियों और travelers से unnecessary movement से बचने की अपील कर रहे हैं, खासकर sensitive areas में। जनता से अनुरोध है कि weather alerts को फॉलो करें और किसी emergency स्थिति की जानकारी local authorities को दें।
बचाव और बहाली के प्रयास
दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में rescue और restoration कार्य जारी है। हिमाचल प्रदेश हाई अलर्ट पर है और अधिकारियों ने मानसून के कारण आने वाली नई चुनौतियों के लिए तैयारी पूरी कर ली है।