नाहन(सिरमौर). करीब 50 हजार की आबादी वाले ऐतिहासिक शहर नाहन में शिलान्यास के 6 सालों बाद भी प्रस्तावित गिरि उठाऊ पेयजल योजना का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. दरअसल करोड़ों रुपए की यह योजना राजनीति का शिकार हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने गिरि उठाऊ पेयजल योजना का अक्टूबर 2011 में शिलान्यास किया था मगर आज तक योजना पूरा नहीं हो पाया.
नाहन शहर आज भी पानी के लिए तरस रहा है. वहीं इस योजना पर बीजेपी व कांग्रेस खुलकर राजनीति कर रही है योजना पूरी ना होने के लिए दोनों पार्टियां एक दूसरे पर दोषारोपण कर रही है. मौजूदा बीजेपी विधायक का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने योजना को गंभीरता से नहीं लिया. जिस समय इस पेयजल योजना का शिलान्यास हुआ था उस समय इस योजना की लागत करीब 52 करोड़ रुपए थी. मगर लेट लतीफी के चलते आज इस योजना की लागत 75 करोड़ रुपए से भी अधिक पहुंच गई है. जिसके लिए बीजेपी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है.
इस बारे में योजना पूरी ना होने के लिए कांग्रेस ने सीधे तौर पर बीजेपी को जिम्मेवार ठहराया है. कांग्रेस नेता अजय सोलंकी का कहना है कि बीजेपी नेताओं ने इस योजना को रोकने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी रुकावट न डालती तो आज योजना का कार्य पूरा हो गया होता.
शहर में पानी की समस्या दिनों-दिन विकराल रूप ले रही है। खैरी व नेहरस्वार दोनों पुरानी पेयजल योजनाएं दम तोड़ रही हैं. इनमें आए दिन तकनीकी खराबी आते रहती है. इससे लोगों को पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी नहीं मिल पाता है. शिलान्यास के बाद से ही गिरी उठाऊ पेयजल योजना राजनीति की शिकार रही है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगाने में लगी हुई है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. देखना होगा कि नाहन शहर के लोगों को पानी के लिए कितना लंबा इंतजार करना पड़ेगा.