नई दिल्ली : आज भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के रचना दिवस के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में वर्षभर चलने वाले “वंदे मातरम्@150” समारोह का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री एक स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर इस अवसर को “हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण” बताया। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि देशभक्ति की ऐसी पुकार है जिसने पीढ़ियों को प्रेरित किया और राष्ट्रभक्ति की भावना को जीवित रखा है।
देशभर में गूंजेगा ‘वंदे मातरम्’
इस उत्सव के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में ‘वंदे मातरम्’ के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन आयोजित किया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों पर आम नागरिकों की उत्साही भागीदारी से यह आयोजन एक राष्ट्रीय एकता महोत्सव का रूप लेगा।
वंदे मातरम् की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
‘वंदे मातरम्’ की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने अक्षय नवमी (7 नवंबर 1875) को की थी। यह पहली बार ‘बंगदर्शन’ नामक साहित्यिक पत्रिका में उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ के हिस्से के रूप में प्रकाशित हुआ था।
मातृभूमि की आराधना का प्रतीक
यह गीत भारत माता को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक मानकर उनकी वंदना करता है। समय के साथ यह गीत भारत की एकता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बन गया।
150वीं वर्षगांठ बना राष्ट्रीय उत्सव
सरकार के इस वर्षभर चलने वाले कार्यक्रम में सांस्कृतिक आयोजन, वाद-विवाद, कला प्रदर्शनियां, स्कूल प्रतियोगिताएं और देशभक्ति थीम पर म्यूजिक कॉन्सर्ट शामिल होंगे। उद्देश्य है — वंदे मातरम् की भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाना।
