रांची. स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों में कृमि संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए झारखंड में आठ फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है. जिसके पहले चरण में 95 लाख से अधिक बच्चों को कृमि मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. वे सोमवार को सूचना भवन सभागार में यह जानकारी प्रेस को दे रहे थे.
अखिल भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए 17 जिलों का चयन
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य झारखंड में सभी बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण संबंधी स्थिति और संज्ञानात्मक विकास तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कृमि मुक्त करना है. प्रत्यक्ष रूप से न दिखने पर भी कृमि संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव डालता है.
त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सौजन्य से आयोजित होनेवाला अखिल भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है. इस सघन स्वास्थ्य कार्यक्रम में झारखंड के 17 जिलों, खूंटी, सिमडेगा, हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, गोड्डा, कोडरमा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, पश्चिमी-सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, दुमका, देवघर, पाकुड़, साहेबगंज, जामताड़ा को शामिल किया गया है.
विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रो, कॉलेजों में मिलेगी एल्बेंडाजोल की गोली
अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि एक से 19 वर्ष के बच्चों एवं युवाओं में आंतों के कृमि संक्रमण के जन स्वास्थ्य के खतरे को ध्यान में रखते हुए राज्य के विभिन्न सरकारी एवं निजी विद्यालयों में, आंगनबाड़ी केंद्रो में, इंटर कॉलेजों में, तकनीकी कॉलेजों में दवा वितरण किया जाएगा. कृमि मुक्ति दवा एल्बेंडाजोल की गोली एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी और दो से तीन साल के बच्चों को एवं 3 से 19 वर्ष के बच्चे और युवाओं को एक गोली खिलायी जाएगी, जो बच्चें किसी कारण से दवा नहीं ले पाये, उन्हें 15 फरवरी को मॉप-अप दिवस पर दवा दी जाएगी.
मौके पर डॉ. अजीत प्रसाद ने भी पीपीटी के माध्यम के बच्चों में कृमि के प्रभाव एवं उपाचार के बारे जानकारी दी, वहीं बाल स्वास्थ्य इकाई की नोडल ऑफिसर सह उप निदेशक वीणा सिन्हा ने भी इसपर प्रकाश डाला.
मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 5 से 14 साल की उम्र के 22 करोड़ से अधिक बच्चें कृमि संक्रमण से ग्रस्त है. पिछले साल 2017 में 1,03,70,851 बच्चों को कृमि मुक्त किया गया था.