नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पद के लिए अपना घोषित उम्मीदवार बनाया है। राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु से आए हैं और आरएसएस पृष्ठभूमि वाले अनुभवी भाजपा नेता हैं, अब उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में एनडीए का सामना करेंगे।
इंडिया ब्लॉक आज फैसला बड़ा फैसला
वहीं, एलेक्ट्रोनिक अलायंस इंडिया ब्लॉक की सोमवार सुबह 10:15 बजे मल्लिकार्जुन खड़गे की पहली बैठक होगी। इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एक सर्वसम्मत उम्मीदवार तय होने की संभावना है। कांग्रेस ने सबसे पहले संकेत दिया था कि इस बार एक गैर-राजनीतिक उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया जा सकता है, ताकि आप, टीएमसी, बीआरएस और बीजेडी जैसे वामपंथी का समर्थन मिल सके।
पिछली कक्षा का सबसे अच्छा काम करने वाला व्यक्ति
पिछले चुनावों में डेमोक्रेट ने मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन टीएमसी ने उनका समर्थन नहीं किया, जिससे रिपब्लिकन की एकजुटता पर सवाल उठे। सिद्धांत के अनुसार, इस बार कांग्रेस और भारत ब्लॉक चाहते हैं कि उम्मीदवार किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि पूरे गठबंधन का प्रतिनिधित्व करे।
बीजेपी का प्रमुख दांव- तमिलनाडु फैक्टर
राधाकृष्णन का नामांकन भाजपा के लिए दक्षिण भारत में जाना जा रहा है। तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी नेता कह रहे हैं कि इससे डीएमके और रेजिडेंस हाउस के बीच समीकरण बदल सकते हैं।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि एनडीए में आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है.
उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख
वर्तमान उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ के अचानक निधन के बाद अब 9 सितंबर को मतदान होगा। नामांकन नियुक्ति की अंतिम तिथि 21 अगस्त निर्धारित है।
सत्य पक्ष और विपक्ष में क्या होगा?
अब ऑर्गनाइजर नजर इस बात पर है कि इंडिया ब्लॉक किससे मैदान में उतरेगा। क्या यह एक गैर-राजनीतिक चेहरा होगा जो एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा, या फिर एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को आसानी से मिल जाएगा? यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति पद का नहीं बल्कि सत्ता पक्ष और नामांकन दोनों की एकता और रणनीति परीक्षण का भी बड़ा इम्तिहान साबित हो सकता है।