नई दिल्ली. नेपाल (Nepal) में चल रहे हिंसक Gen-Z protests के बीच बड़ी राजनीतिक हलचल सामने आई है। मंगलवार को प्रधानमंत्री KP Sharma Oli और उनकी सरकार के इस्तीफे के बाद देश में सत्ता का संकट गहराया। इसी बीच रिपोर्ट्स के अनुसार देश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश Sushila Karki को अंतरिम सरकार (interim government) का नेतृत्व सौंपे जाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
सेना ने संभाला देश का नियंत्रण, बातचीत की शुरुआत
नेपाल सेना (Nepal Army) ने देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। बुधवार को प्रदर्शनकारियों के बीच चर्चा हुई, जिसमें प्रतिनिधियों को चुना गया ताकि वे सेना और अन्य हितधारकों से बातचीत कर आगे की दिशा तय कर सकें। बताया जा रहा है कि इस बैठक में 4,000 से अधिक युवाओं ने ऑनलाइन भाग लिया और सर्वसम्मति से Sushila Karki के नाम पर सहमति बनी, ताकि वे सेना से बातचीत करें और अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व संभालें।
Sushila Karki को Balen Shah से ज़्यादा समर्थन
बैठक के दौरान Sushila Karki को कुल 31% वोट मिले, जबकि काठमांडू के मेयर Balen Shah को 27% वोट मिले। इससे स्पष्ट है कि Gen-Z आंदोलन के नेता माने जा रहे Balen Shah से आगे निकलते हुए Sushila Karki को भरोसेमंद विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
कौन हैं Sushila Karki?
सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (first female Chief Justice of Nepal) रही हैं। उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर (Biratnagar), मोरंग जिले में हुआ। उन्होंने महेंद्र मोरंग कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय (Tribhuvan University) से कानून की पढ़ाई पूरी की।
11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक मुख्य न्यायाधीश रहने के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई सख्त फैसले दिए। पुलिस नियुक्तियों में अनियमितताओं, फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना और बड़े भ्रष्टाचार मामलों में उनके आदेशों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। हालांकि 2017 में उन पर पक्षपात और कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए महाभियोग प्रस्ताव लाया गया, लेकिन जनता के समर्थन और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया।
तटस्थ नेतृत्व की तलाश
Gen-Z आंदोलन से जुड़े नेताओं ने स्पष्ट कहा कि कोई भी नेता जो किसी राजनीतिक दल से जुड़ा हो, बातचीत में शामिल नहीं होना चाहिए। ऐसे में civic activist Sushila Karki, जो किसी भी पार्टी से नहीं जुड़ी हैं, को तटस्थ और भरोसेमंद नेता मानते हुए अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपा जा रहा है।
नेताओं का मानना है कि अब आंदोलन का नेतृत्व ऐसे व्यक्तित्वों के हाथ में होना चाहिए जो सेना से संवाद कर सकें और हिंसा में प्रभावित लोगों को राहत दिला सकें। विदेश में रहने वाले नेपाली नागरिक भी ज़ूम मीटिंग में शामिल होकर अपने विचार साझा कर रहे हैं।
नेपाल में हाल की घटनाएं – अपडेट्स
धाडिंग जिला जेल में आगजनी के दौरान भागने की कोशिश कर रहे कैदियों पर सेना ने गोली चलाई। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो घायल हुए। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Tribhuvan International Airport) बुधवार को दोपहर बाद फिर से उड़ानों के लिए खुला। नेपाली कांग्रेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने और संवाद के ज़रिए संकट का समाधान करने की अपील की। राजनीतिक नेताओं, सुरक्षा एजेंसियों, मीडिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति स्थापित करने के लिए समर्थन की गुहार लगाई गई।