कहते हैं, बदलाव ही प्रकृति का नियम है. अब क्रिकेट पर भी इसी नियम को लागू करते हुए कुछ बदलाव किये गये हैं. जिनसे क्रिकेट अब बदला-बदला सा दिखेगा. दरअसल आईसीसी ने क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. ये बदलाव 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. हालाँकि मौजूदा समय में भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ इस बदलाव से दूर रहेगी. अगर अभी तक आपको इस नए नियम के बारे में नहीं पता चला है तो ये ख़बर आपके लिए ही है.
ख़राब व्यवहार
अब खिलाड़ी के तरफ़ से किए गए दुर्व्यवहार पर उसे सज़ा दी जाएगी. यानी अभी तक जो हम मैदान पर खिलाड़ियों के बीच गहमागहमी, कमेंट और स्लेज़िंग देखते थे, अब उसमे निश्चित तौर पर कमी आएगी. अब कोई भी खिलाड़ी इससे बचना चाहेगा. क्योकि आईसीसी ने इस पर कड़े नियम बनाए हैं.
लेवल 1: अभी तक ऐसा देखने को मिलता है कि बल्लेबाज़ पर दबाव बनाने के लिए गेंदबाज़ और क्षेत्ररक्षक ज्यादा अपील करते हैं. लेकिन अब अगर खिलाड़ी ज़्यादा अपील करते हैं या अंपायर के निर्णय पर असहमति जताते हैं, तो पहले उन्हें चेतावनी दी जाएगी और अगर दोबारा खिलाड़ी के द्वारा फिर ऐसा दोहराया जाता है, तो पेनाल्टी के रूप में विपक्षी टीम को पांच रन दे दिए जाएंगे.
लेवल 2: बल्लेबाज़ जब संयम से बल्लेबाज़ी कर रहा हो तो गेंदबाज़ का सबसे बड़ा हथियार होता है उसे उकसाना. ऐसा इसलिए ताकि बल्लेबाज़ जोश में आकर अपना होश खो बैठे और अपना विकेट गवां बैठे. लेकिन अब ऐसा करना खिलाड़ियों के लिए भारी पड़ सकता है. अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर विपक्षी टीम के खिलाड़ी से भिड़ता है या उसकी तरफ़ गेंद फेकता है तो अंपायर की तरफ़ से विपक्षी टीम को पेनाल्टी स्वरूप 5 रन दिए जा सकते हैं.
लेवल 3: इसके तहत अगर कोई खिलाड़ी अंपायर को डराने-धमकाने या विपक्षी टीम के किसी खिलाड़ी या फिर दर्शकों को धमकी देता है तो दूसरी टीम को पेनाल्टी के रूप में पांच रन दे दिए जाएंगे और खेल के फ़ॉर्मेट को ध्यान में रखकर कुछ ओवर के लिए मैदान से बाहर भी रखा जा सकता है.
लेवल 4: इसमें सज़ा के कड़े प्रावधान है. फ़ुटबाल की तर्ज़ पर ही अगर कोई खिलाड़ी अंपायर को धमकी देता है या मैच के दौरान किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होता है, तो पेनाल्टी के रूप में विपक्षी टीम को पांच रन मिलेंगे और उस खिलाड़ी को पूरे मैच के लिए मैदान से बाहर बैठना पड़ेगा. खिलाड़ी को रिटायर हर्ट के रूप में बाहर जाना पड़ेगा.
कुछ अन्य बदलाव
अगर बल्लेबाज़ एक दफ़ा क्रीज़ को छू लेता है और गिल्लियां बिखरते वक्त वह हवा में है तो वह आउट करार नहीं दिया जाएगा. ऐसा वाक्या अगर स्टंपिंग में होता है तब भी फ़ैसला बल्लेबाज़ के पक्ष में ही होगा.
इसी तरह अगर कोई क्षेत्ररक्षक हवा में कैच पकड़ता है और वह सीमा रेखा के बाहर है तो ऐसे में इसे 6 रन करार दिया जाएगा. बल्लेबाज़ तभी आउट होगा जब गेंद सीमा रेखा के अंदर हो.
बल्लेबाज़ के हेलमेट पर गेंद लगने के बाद भी वह कैच आउट, रन आउट व स्टंप आउट माना जाएगा. वहीं इसके अलावा बल्ले के किनारे 40 मिमी से मोटे नहीं होने चाहिए और अधिकतम गहराई 67 मिमी होनी चाहिए.
गेंदबाज़ के गेंद डालने से पहले ही अगर नॉन-स्ट्राइकर क्रीज़ छोड़ दे और गेंदबाज़ उसे रन आउट कर दे, तो वह बल्लेबाज़ आवर क़रार दिया जाएगा.
टेस्ट मैंच में 80 ओवर के बाद पुनः रिव्यू नहीं मिलेगा. यानि अब टेस्ट में पूरे मैच के दौरान केवल दो रिव्यू ही मिलेगा. वहीं रिव्यू लेने पर फैसला अम्पायर्स कॉल जाता है तब भी रिव्यू ख़राब नहीं होगा. इसके अलावा टी20 में भी डीआरएस लागू होगा.
यानी अब आप भी तैयार हो जाइए क्रिकेट के रोमांच को नए कलेवर में देखने के लिये.