नई दिल्ली. अमेरिका द्वारा भारत पर बढ़ाए गए टैरिफ (US tariff hike on Indian imports) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार दोपहर केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक बुलाई है। यह बैठक भारत-यूएस ट्रेड वॉर (India-US trade war) को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत से आयातित वस्तुओं (Indian imports) पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। इससे कुल अमेरिकी टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कैबिनेट इस बढ़े हुए टैरिफ और अमेरिका के साथ आगामी व्यापार समझौतों (future trade deals) को लेकर गंभीर चर्चा करेगी। ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ विवाद के समाधान तक भारत के साथ किसी भी नए व्यापार वार्ता से इनकार कर दिया है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
ट्रंप ने भारत पर लगाया 25% अतिरिक्त टैरिफ, क्या है वजह?
ट्रंप ने यह कड़ा कदम भारत द्वारा रूस से तेल की निरंतर खरीद (India’s continued Russian oil purchase) को लेकर उठाया है। 20 जुलाई को भारत पर पहले से 25% टैरिफ लगा हुआ था, जो अब और बढ़ाकर कुल 50% हो गया है।
भारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए इसे “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया है। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा (energy security) और रणनीतिक स्वायत्तता (strategic autonomy) का सम्मान होना चाहिए।
पीएम मोदी का कड़ा संदेश: किसानों के हितों से नहीं होगा समझौता
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी सम्मेलन (MS Swaminathan International Conference) में कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों (farmers’ interests) की सर्वोच्च प्राथमिकता लेती है। उन्होंने साफ कहा कि भारत कभी भी किसानों, मछुआरों या डेयरी उद्योग के हितों से समझौता नहीं करेगा।
मोदी ने स्वीकार किया कि इस फैसले की वजह से उन्हें व्यक्तिगत रूप से कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।