नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) अगले 2 से 3 दिन के भीतर उपराष्ट्रपति चुनाव की तिथि घोषित कर सकता है। यह चुनाव जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद अनिवार्य हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त 2025 के अंत तक देश को नया उपराष्ट्रपति (New Vice President) मिल जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा धनखड़ के इस्तीफे को आधिकारिक रूप से स्वीकार किए जाने के बाद उपराष्ट्रपति पद लगभग दो साल के कार्यकाल से पहले ही खाली हो गया है। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत उपराष्ट्रपति के पद रिक्त होने पर यथाशीघ्र चुनाव कराने का प्रावधान है, लेकिन कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं है।
नया उपराष्ट्रपति अगस्त के आखिरी सप्ताह में चुना जाएगा
चुनाव आयोग (Election Commission) को गृह मंत्रालय से इस्तीफे की आधिकारिक सूचना मिलने के बाद चुनाव की तैयारी में तेजी आ गई है। अगले 2-3 दिनों के भीतर चुनाव से संबंधित नोटिफिकेशन (Election Notification) जारी होने की संभावना है।
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 (Presidential and Vice-Presidential Elections Act, 1952) के मुताबिक, नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आयोग को 32 दिनों के भीतर नामांकन, जांच, नाम वापसी, मतदान और मतगणना की पूरी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इस हिसाब से नया उपराष्ट्रपति अगस्त के आखिरी सप्ताह में चुन लिया जाएगा और शपथ ग्रहण भी इसी अवधि में हो सकती है।
चुनाव प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों को नोटिफिकेशन के 14 दिनों के अंदर अपना नामांकन दाखिल करना होगा।
राजनीतिक विवाद के बीच इस्तीफा
श्री धनखड़ के इस्तीफे के पीछे राजनीतिक उठापटक भी रही है। उन्होंने राज्यसभा सभापति के रूप में एक विवादित कदम उठाया था, जब विपक्षी सांसदों के एक प्रस्ताव को स्वीकार किया गया जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को भ्रष्टाचार जांच के कारण हटाने की मांग थी।
यह प्रस्ताव विपक्ष के समर्थन से राज्यसभा में लाया गया था, जबकि केंद्र सरकार एक अलग प्रस्ताव के माध्यम से इस मामले को नियंत्रित करना चाहती थी। श्री धनखड़ के इस फैसले से केंद्र की योजना विफल होती नजर आई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई शीर्ष मंत्रियों ने इस मुद्दे पर आपात बैठक की और भाजपा सांसदों को स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद सांसदों ने एक विरोध प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए और श्री धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया। इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया।