नयी दिल्ली. झारखंड में पांच साल से कम उम्र के करीब आधे बच्चे कुपोषित हैं. वहीं, राज्य में मरीज ‘भगवान भरोसे हैं.’ नीति आयोग द्वारा वित्तीय मामलों की संसदीय समिति के समक्ष दिये गये प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि झारखंड के बच्चों में कुपोषण, प्राथमिक शिक्षा, डॉक्टरों की संख्या और गांवोंं तक बिजली पहुंचाने की हालिया स्थिति बदतर है. शुक्रवार को नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी निदेशक अमिताभ कांत ने प्रेजेंटेशन दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के 100 बच्चों में 47 बच्चे कुपोषित हैं. गांवों तक बिजली पहुंचाने में सबसे पिछड़े राज्यों में झारखंड का स्थान तीसरा है. इस मामले में सबसे खराब प्रदर्शन बिहार का है. वहीं, राज्य के 24 जिलों में 19 जिलों को देश के सबसे पिछड़े जिले में शामिल किया गया है.
मालूम हो कि नीति आयोग तीन सबसे पिछड़े राज्यों के लिये अलग से नीति बना रही है. नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं. इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी मौजूद रहे.