कुल्लू. तीन ज़िलों की जनता को स्वास्थ्य सुविधा देने वाले कुल्लू अस्पताल में इन दिनों गर्भवती महिलाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू वर्तमान में विशेषज्ञों की कमी के कारण मात्र आलीशान भवन बन कर रह गया है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से गरीब तबके के लोगों को खासी परेशान उठानी पड़ रही है. वहीं जिला कुल्लू, मनाली, पतलीकूहल, बंजार, मणिकर्ण व सैंज आदि के अलावा कई दुर्गम क्षेत्रों की गर्भवती महिलाएं डेढ़ माह से प्रसव के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकने को विवश हो गई हैं.
स्त्री विशेषज्ञ के जाने से हुई परेशानी
अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार डेढ़ माह पूर्व कुल्लू अस्पताल में 2 स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात थे. लेकिन दोनों विशेषज्ञों को एक साथ कुल्लू अस्पताल से जाना पड़ा. दोनों स्त्री रोग विशेषज्ञों के जाने के बाद कोई अन्य विशेषज्ञ भी डैपुटेशन पर सप्ताह में रूटीन चैकअप के लिए नहीं आ पाया. जिसका खमियाजा मध्यम व गरीब तबके के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
लोग हजारों लाखों रुपए खर्च कर निजी क्लीनिक व अस्पतालों का रुख करने को मजबूर हो गए हैं. वहीं कई गरीब परिवार की महिलाएं अपनी बीमारियों का इलाज करवाने के लिए विशेषज्ञ के इंतजार में हैं.
मंडी के अस्पताल में किया जा रहा रेफर
पिछले डेढ़ माह से कुल्लू अस्पताल में पहुंचने वाली दर्जनों गर्भवती व प्रसूता महिलाओं को जिला मंडी के अस्पताल में रेफर किया जा रहा है, परन्तु जिले से बाहर जाकर इलाज व प्रसव करवाना परिजनों के लिए भी परेशानी का कारण बना हुआ है. लोगों ने मांग की है कि जब तक अस्पताल में विशेषज्ञ तैनात न हो जाए मरीजों की सुविधा के लिए डैपुटेशन पर चिकित्सकों को बुलाया जाए.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील चन्द्र ने बताया कि डॉक्टर की कमी के बारे में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. जल्द लोगो को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.