शिलाई (सिरमौर). हाल ही में देश स्वतंत्रता दिवस की 71वीं सालगिरह को मन रहा था. उस दिन प्रदेश सरकार के द्वारा तमाम विकास के दावे किये जा रहे थे कि हर गाँव को सड़क से जोड़ा जा चुका है. सिरमौर विकास खंड की ग्राम पंचायत झाकंडों ऐसी पंचायत है जहाँ पर पंचायत के आधा दर्जन से ज्यादा गांव आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. यहां न तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पहुँचा है न ही विधायक के फण्ड से सड़क का निर्माण हुआ है.
इतना ही नहीं बल्कि पंचायत फंड से भी यहां आज तक सड़क नहीं बन पाई है. ग्रामीणों की माने तो कई बार प्रदेश सरकार व स्थानीय नेताओं सहित पंचायत को गुहार लगाई गई है. लेकिन ग्रामीणों के लिए सड़क नहीं बन पाई है. प्रदेश सरकार की अनदेखी व स्थानीय नेताओं के रवैये से लोगों में रोष है.
आधा दर्जन से ज्यादा गाँव में सड़क की सुविधा नहीं
झाकंडों पंचायत की भटोडी, कऊटा, थेलेनु, नावना, बन्द्राह, भजोटी, चऊरोंटा, देवनल और ककोली ऐसे गाँव है जहां सड़क नहीं है. इन गावों में लगभग 2000 लोग रहते है. यदि धारवा से अम्बोटा तक यह सड़क बनती है, तो 10 किलो मीटर लम्बी इस सड़क से पूरी पंचायत के लोगो को यह सुविधा होगी.
सड़क न होने के कारण लोगों को 3 किलोमीटर चढ़ाई करने बाद सड़क की सुविधा मिलती है.इन गाँववालों को अपनी फसलें भी पीठ पर उठा कर सड़क तक लानी पड़ती है. जिससे फसल की ढुलाई में ज्यादा पैसे लगते हैं और कमाई कम होती है.
ग्रामीणों ने सड़क बनाने के लिये लगायी गुहार
विधायक बलदेव तोमर ने सड़क के लिए अपने विधायक फंड से 2 लाख रूपये स्वीकृत कर पंचायत को दिया. उससे धारवा से सड़क का कार्य भी शुरू किया गया. लेकिन प्रेदश सरकार के प्रभावी नेताओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर सड़क का कार्य बंद करवा दिया है. इतना ही नहीं वन विभाग को वर्षों पहले भूमि अधिग्रहण के लिए एक पत्र भी लिखा गया था जिसकी आज तक अनुमति नहीं मिल पाई है.
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शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक बलदेव तोमर ने बताया कि झाकंडो पंचायत में सड़क के लिए 2 लाख रूपये की राशि विधायक फंड से दी गई है. सरकार सहयोग नहीं कर रही है. मेरे पास जितना हो सकता था मैंने दिया है. यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार आती है और मुझे शिलाई से फिर आशीर्वाद मिलता है तो झाकंडो ही नहीं पूरे क्षेत्र के गांव में सड़क की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.