नई दिल्ली : जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की स्थापना दिवस के मौके पर ‘इंडिया क्वेक’ और ‘सागर वाणी’ एप लांच किया. यह दोनों एप आपदा से बचने के लिए इस्तेमाल में लाये जायेंगे
राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र (एनसीएस) 84 स्टेशनों के साथ राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क का संचालन करता है. ये स्टेशन डाटा संचार के लिए री-सैट के माध्यम से राष्ट भूकंप केन्द्र से जुड़े हुए हैं. भूकंप आने की स्थिति में राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र अपने नेटवर्क से डाटा का उपयोग करते हुए इन स्टेशनों का पता लगा लेता है. इसके बाद एसएमएस, ईमेल तथा फैक्स के माध्यम से सरकारी विभाग और अन्य विभागों को भूकंप मापदंडों के बारे में बताता है. लेकिन इस तरीके से सूचनाओं को फैलाने में समय लगता है और सभी लोगों तक समय रहते यह सूचनायें पहुंच जायें यह भी जरूरी नहीं होता।
ऐसे काम करेगा ‘इंडिया क्वेक’ एप
भूकंप से बचने के लिए राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र द्वारा एक मोबाइल एप विकसित किया गया है. इस एप के जरिये भूकंप आने के 2 मिनट बाद भूकंप का स्थान, समय और उसकी तीव्रता का पता लग सकेगा. यह एप कोई भी व्यक्ति अपने फोन में डाउनलोड कर सकता है. इस ऐप के इस्तेमाल से भूकम्प के दौरान लोगों में सही सूचना मिल सकेगी जिससे लोगों में अफरा-तफरी को कम करने में मदद मिल सकती है. उदाहरण के लिए यदि अफगानिस्तान में भूकंप आता है और दिल्ली में भी इसके जोरदार झटके महसूस किये जाते हैं, उस स्थिति में दिल्ली के लोग दो मिनट से भी कम समय में यह जान सकेंगे कि भूकंप दिल्ली में नहीं बल्कि अफगानिस्तान में आया है.
सुनामी से बचने के लिए ‘सागर वाणी’ एप
यह एप समुद्र किनारे बसे लोगों के लिये बनाया गया है. इस एप के जरिये समुद्री इलाकों में चलने वाली तेज गति की हवाओं की जानकारी और सुनामी की जानकारी लोगों को तय समय से पहले मिल जाएगी.