मंगलवार को जैसे ही ठेकेदार ने ठेके को ठीक करने के लिए काम शुरू किया तो ग्रमीणों के विरोध के आवाज एक बार फिर से बुलंद हो गई. ग्रमीणों ने ठेकेदार को काम करने से रोक दिया और ठेके को शिफ्ट करने की मांग उठाई. लेकिन ठेकेदार ने काम जारी रखा और ग्रमीणों और ठेकेदार के बीच बहसबाजी हो गई.
वहीं मौके पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को शांत करवाया. ग्रामीणों का कहना है कि ठेके को यहां से शिफ्ट करने के लिए ग्रामीण पिछले कई वर्षो से विरोध कर रहे है. सरकार और प्रशासन यहां से ठेका नहीं हटा पाया. यह शराब का ठेका बीबीएमबी की जमीन पर है और इसे अवैध रूप से स्थापित कर शराब बेचीं जा रही है.
जुगाहण पंचायत प्रधान श्याम लाल का कहना है कि ग्रामीण लगातार पिछले लंबे समय से यहां से ठेका हटाने का विरोध कर रहे है. सरकार की ओर से ठेके को नहीं हटाया गया. ठेके को बीबीएमबी की ज़मीन पर स्थापित किया गया. इसके लिए पंचायत की ओर से विभाग से स्वयं जानकारी भी मांगी गई थी.
जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि यह ठेका बीबीएमबी की जमीन पर है. उनका कहना है की अगर अब भी ठेके को नहीं हटाया गया तो ग्रामीण 24 घंटे का लगातार धरना देने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
समाज सेवी ब्रह्मदास चौहान का कहना है कि ठेके को यहां से शिफ्ट करने के लिए ग्रामीण पिछले कई वर्षो से विरोध कर रहे है, लेकिन सरकार और प्रशासन यहां से ठेका नहीं हटा पाया.
जुगाहण पंचायत प्रधान श्याम लाल का कहना है कि ग्रामीण लगातार पिछले लंबे समय से यहां से ठेका हटाने का विरोध कर रहे है. सरकार द्वारा ठेके को नहीं हटाया गया. ठेके को बीबीएमबी की ज़मीन पर स्थापित किया गया. इसके लिए पंचायत ने विभाग से स्वयं जानकारी भी मांगी गई थी. जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि यह ठेका बीबीएमबी की जमीन पर है. उनका कहना है की अगर अब भी ठेके को नहीं हटाया गया तो ग्रामीण 24 घंटे का लगातार धरना देने के लिए मजबूर हो जाएंगे.