नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहलगाम में एक विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित कर आतंकियों को स्पष्ट संदेश दिया कि हम डरने वाले नहीं हैं हाल ही में हुए आतंकी हमले से प्रभावित इस पर्यटन स्थल से सरकार ने यह संकेत दिया कि कायरतापूर्ण हमलों से प्रशासन झुकेगा नहीं, बल्कि और भी मजबूती से आगे बढ़ेगा।
पहलगाम क्लब में ऐतिहासिक बैठक, CM कार्यालय ने साझा की तस्वीरें
उमर अब्दुल्ला में कहा कि पहलगाम क्लब में आयोजित इस बैठक की तस्वीरें मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा कीं और लिखा कि यह सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि आतंक को सीधी चुनौती है हम डरते नहीं हैं। यह बैठक इसलिए भी ऐतिहासिक रही क्योंकि श्रीनगर और जम्मू की पारंपरिक राजधानी से बाहर पहली बार कैबिनेट मीटिंग हुई। पर्यटन हमारा भविष्य है, डर का माहौल नहीं बनने देंगे।
बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया जम्मू-कश्मीर को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में माने। हालांकि चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के बाद राज्य विशेष रूप से प्रभावित हुआ है और इसका असर सबसे ज़्यादा पर्यटन उद्योग पर पड़ा है।
शांति के दुश्मनों को सीधा संदेश – हम एकजुट हैं, अडिग हैं
मुख्यमंत्री कार्यालय ने आगे लिखा कि शांति के दुश्मन कभी भी हमारे इरादों को डिगा नहीं सकते। जम्मू-कश्मीर मजबूत है, अडिग है और निडर है। यह बयान उन विघटनकारी ताकतों के लिए कड़ा संदेश है, जो घाटी में हिंसा और डर का माहौल बनाना चाहते हैं।
आम जनता के साथ एकजुटता का प्रतीक
उमर अब्दुल्ला सरकार ने पहलगाम को कैबिनेट बैठक का स्थान बनाकर वहां के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई है। 22 अप्रैल के हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी (ज्यादातर पर्यटक थे), यहां पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट आई थी।
सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में भी बैठकें
यह पहली बार नहीं है जब उमर अब्दुल्ला ने संवेदनशील क्षेत्रों में बैठक की हो। 2009 से 2014 के अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने गुरेज, माछिल, तंगधार, राजौरी और पुंछ जैसे दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में भी कैबिनेट मीटिंग की थी। यह उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण को दर्शाता है हर हिस्से को बराबरी से प्राथमिकता देना।
पर्यटन पुनरुद्धार की रणनीति – दो-आयामी प्लान पेश किया
यह विशेष सत्र तब आया जब उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी के सामने दो-आयामी पर्यटन रणनीति पेश की थी। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि:
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ कश्मीर में अपनी बैठकें आयोजित करें
संसदीय समितियाँ घाटी में दौरे और चर्चा करें
उनका मानना है कि इससे लोगों में विश्वास बढ़ेगा, डर कम होगा और घाटी में पर्यटन फिर से फलने-फूलने लगेगा।
विशेष विधानसभा सत्र में सर्वसम्मत प्रस्ताव
इससे पहले 28 अप्रैल को जम्मू में एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र भी बुलाया गया था, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की शपथ ली गई।
डर नहीं, बदलाव की ओर बढ़ता जम्मू-कश्मीर
उमर अब्दुल्ला की पहलगाम में कैबिनेट बैठक सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं था, बल्कि यह एक सांकेतिक और राजनीतिक रणनीति थी। इसका मकसद साफ है – आतंकियों को दिखाना कि न तो सरकार डरेगी, न ही जनता झुकेगी। और साथ ही, दुनिया को यह बताना कि जम्मू-कश्मीर फिर से उठ खड़ा हो रहा है – मजबूती, उम्मीद और विकास के साथ।
