शिमला. विधानसभा के तीसरे दिन भी विपक्षी पार्टी ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 130 के तहत चर्चा की अनुमति दी. लेकिन विपक्ष इस पर राजी न हुआ और खूब हंगामा किया गया. ब्रिज बिहार बुटेल ने कहा कि यह विषय नियम 67 के तहत नहीं आता, 25 अगस्त को इस पर चर्चा की अनुमति होगी. विपक्षी के लगातार हंगामे के चलते प्रश्नकाल भी नहीं हो सका. गुड़िया मामला, होशियार मामला और आये दिन हो रहे रेप और हत्या के मामलों को लेकर ही विपक्ष चर्चा करना चाहता था.
थोड़ी थोड़ी के बजाय पूरा दिन चर्चा करवाए सरकार-धूमल
विधानसभा गतिरोध पर नेता विपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आज प्रदेश में लगातार रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराध हो रहे हैं. यदि सरकार इस मामले पर नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति देती तो आज प्रश्नकाल भी होता और विधानसभा की कार्यवाही भी सुचारू रूप से चल पाती.
प्रदेश में आज सरकार नाम की चीज़ नहीं है. रात में सुरक्षा नदारद रहती है. कोई चेकिंग नहीं होती और बुरी तरह पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है. थोड़ी थोड़ी चर्चा के बजाय पूरा दिन चर्चा करवाते तो आखिरी सत्र में सरकार की वाहवाही होती.
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13 मिनट तक सदन को स्थगित किया गया
11:44 बजे सदन में अध्यक्ष की ओर से प्रश्नकाल शुरू करवाने की बात कही तो विपक्षी खड़े होकर नारेबाजी करने लगे. इससे सदन में गतिरोध बरकरार रहा और 11:47 बजे 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया.
बेल पर छूटा व्यक्ति प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं हो सकता-सुरेश
ठीक 12:03 बजे विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो चीफ भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विपक्षी भाजपा विधायकों को कई तरह के अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया. यहां तक कि उन्हें गुंडा तक कहा. इसलिए जब तक मुख्यमंत्री सभी विधायकों से सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते गतिरोध जारी रहेगा.
बताते चलें कि विधानसभा नियम 67 में अप्रत्यक्ष तरीके से चुनाव किया जाता है और 130 में आम मुद्दों पर चर्चा की जाती है.