नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने नाबालिग महिला पहलवानों द्वारा दायर किए गए केस में आज पटियाला हाउस कोर्ट में 550 पन्नों की कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की है. अब इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही होगी कि नहीं इसका फैसला अदालत करेगी. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को तय की है.
वहीं पाक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है. दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है. इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले हैं लिहाजा हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं.
इस मामले में 25 लोगों की हुई गवाही
इस मामले में 25 लोगों की गवाही आरोपपत्र में दर्ज की गई है. रोहतक के महावीर अखाड़े के सभी लोगों के बयान दर्ज कराए हैं. इन 25 लोगों में शिकायतकर्ता पहलवान, बजरंग पूनिया-एक पहलवान की दो बहनें, कोच, रेफरी और रोहतक के महावीर अखाड़े के लोग शामिल हैं.
मजिस्ट्रेट के सामने क्या बोली पहलवान?
दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में नाबालिग के बयान और अब तक की जांच को लेकर अपनी रिपोर्ट दाखिल की है. सूत्रों के मुताबिक नाबालिग ने बृज भूषण पर लगाए यौन शौषण के आरोप पहले ही वापस ले लिए हैं.
नाबालिग ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने पहले बयान में यौन शौषण की बात कही थी. दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शौषण का आरोप वापस लेते हुए कहा है कि “मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था मैंने बहुत मेहनत की थी. मैं डिप्रेशन में थी इसलिए गुस्से में यौन शौषण का मामला दर्ज करवाया था”.
जानें क्या था पूरा मामला?
बीते महीने 23 अप्रैल को देश के शीर्ष तीन पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृजभूषण सिंह शरण के ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे. इसके बाद उन्होंने बृजभूषण सिंह शरण पर यौन शौषण के आरोप लगाए जिस पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की थी.