नई दिल्ली: 23 जून को देश के करीब 15 विपक्षी दल पटना में महागठबंधन बनाने के लिए जुटे थे. वह एक साथ आकर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने की बात कर रहे थे. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल में UCC को लेकर दिए गए बयान के बाद विपक्ष में एकता में फूट पड़ती नजर आ रही है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर पहले आम आदमी पार्टी ने अब शिवसेना (उद्धव गुट) ने समर्थन का ऐलान कर दिया है. वहीं, महाराष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टी NCP ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है.
PM ने भोपाल में UCC को लेकर दिया था बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार मिला है. दो अलग-अलग कानूनों से घर तक नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा.
AIMPLB सहित विपक्ष ने किया था विरोध
प्रधानमंत्री के UCC को लेकर दिए गए बयान के बाद मुस्लिम संगठनों से लेकर विपक्ष तक ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस पीएम मोदी पर राजनीतिक लाभ के लिए UCC का मुद्दा उठाने का आरोप लगा रही है. वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी विरोध करते हुए लॉ कमीशन तक जाने की बात कर दी.
बिन मांगे आप और शिवसेना का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने UCC को लेकर अभी सिर्फ जिक्र किया है. भाजपा ने अभी किसी से समर्थन भी नहीं मांगा है. लेकिन अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) ने बिन मांगे भाजपा को अपना समर्थन दे दिया. वहीं, महाराष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टियों में से एक शरद पवार की NCP ने UCC पर न्यूट्रल रुख अपनाते हुए कहा कि हम इसका न विरोध करेंगे और न समर्थन.
आम सहमति से लागू हो UCC- AAP
समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर आप नेता संदीप पाठक ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि हम सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं. क्योंकि अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए. इसलिए सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों से व्यापक विचार विमर्श कर आम सहमति बनानी चाहिए.
शिवसेना (उद्धव गुट) भी UCC के समर्थन में
उद्धव ठाकरे ने भी UCC का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं. लेकिन जो लोग इसे ला रहे हैं, उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि इससे सिर्फ मुसलमानों को परेशानी होगी, बल्कि इससे हिंदुओं को भी दिक्कत होगी और कई सवाल उठेंगे.
विपक्षी एकता से पहले ही विपक्ष में सेंध
प्रधानमंत्री मोदी के एक बयान से ही विपक्ष में सेंध लगता दिख रहा है. कहां सभी दल 12 जुलाई को एकजुट होकर मीटिंग कर भाजपा को हराने की रणनीति बनाने की बात कर रहे थे. अब UCC के मुद्दे पर ही दो फाड़ होते दिखाई दे रहे है. अब देखने वाली बात ये है कि क्या UCC के मुद्दे पर मतभेद होने के बावजूद सभी दल एक साथ गठबंधन करने के लिए एकजुट होंगे या अभी से अलग हो जाएंगे.