नई दिल्ली: संसद ने Appropriation (No. 4) Bill 2025 को पारित कर दिया है। राज्यसभा ने इस विधेयक को चर्चा के बाद मंजूरी देते हुए लोकसभा को वापस भेज दिया। यह विधेयक वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की समेकित निधि (Consolidated Fund of India) से कुछ अतिरिक्त राशियों के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है।
सरकार का पक्ष: यूरिया की कोई कमी नहीं
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 2014-15 से 2025-26 के बीच दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2013-14 की तुलना में 2025-26 में सभी प्रमुख फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दोगुना हो चुका है। पंकज चौधरी ने जोर देकर कहा कि भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार हुआ है और मोदी सरकार फंड आवंटन में किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती।
सत्तापक्ष और विपक्ष के तर्क
चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी सांसद घनश्याम तिवारी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अब 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है और नरेंद्र मोदी सरकार देश के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने निवेश को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश पर अत्यधिक कर लगाया जा रहा है। राघव चड्ढा के अनुसार, लंबी अवधि के निवेश को अल्पकालिक सट्टा मानकर टैक्स किया जा रहा है, जिसे बदलने की जरूरत है।
कार्यवाही स्थगित
इस विधायी कार्यवाही के पूरा होने के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
