नई दिल्ली. Parliament Monsoon Session 2025 में Operation Sindoor पर बड़ा राजनीतिक घमासान तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, Lok Sabha में इस मुद्दे पर चर्चा 28 जुलाई को और Rajya Sabha में 29 जुलाई को होगी। सरकार ने Pahalgam terror attack के बाद शुरू हुए इस strategic military operation पर बहस के लिए लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे का समय निर्धारित किया है।
PM Modi की उपस्थिति की विपक्ष कर रहा मांग
एजेंसी रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को राज्यसभा की Business Advisory Committee (BAC) की बैठक के बाद इस चर्चा का कार्यक्रम तय हुआ। विपक्ष की मांग है कि Prime Minister Narendra Modi खुद सदन में मौजूद रहकर Operation Sindoor पर बयान दें।
Lok Sabha में 28 जुलाई को होगी चर्चा
28 जुलाई को Lok Sabha में Operation Sindoor पर विस्तृत चर्चा होगी। Defence Minister Rajnath Singh इस पर सरकार की तरफ से जवाब देंगे।
सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी खुद भी इस चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं।
Trump के ceasefire वाले बयान ने बढ़ाया विवाद
इस मुद्दे पर बहस तब और तेज हो गई जब former US President Donald Trump ने यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच ceasefire करवाया था। विपक्ष ने इस बयान को आधार बनाकर PM Modi से सफाई की मांग की है और इसे foreign policy confusion करार दिया है।
Monsoon Session की शुरुआत से ही हंगामा
Bihar में Operation Sindoor और SIR (Special Intensive Review) को लेकर विपक्ष के विरोध के चलते संसद का मानसून सत्र अभी तक तीन बार स्थगित हो चुका है। पहले तीन दिन – सोमवार, मंगलवार और बुधवार को संसद की कार्यवाही ठीक से नहीं चल सकी।
क्या है Operation Sindoor?
Operation Sindoor भारत द्वारा 22 अप्रैल को Pahalgam terrorist attack के जवाब में शुरू की गई एक सख्त सैन्य कार्रवाई थी।
यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू हुआ और इसका मकसद Jaish-e-Mohammed, Lashkar-e-Taiba और Hizbul Mujahideen जैसे आतंकी संगठनों के नेटवर्क को ध्वस्त करना था।
इस दौरान 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया, जो भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी रही।
Pakistan की ओर से जवाब और भारत की प्रतिक्रिया
भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद, Pakistan ने LoC (Line of Control) पर फायरिंग और कुछ इलाकों में drone attacks की कोशिश की। इसके जवाब में भारत ने 11 पाकिस्तानी airbases को निशाना बनाते हुए उनकी radar systems, communication hubs और runways को severely damage किया।
10 मई को हुआ ceasefire agreement
इस सैन्य तनाव के बाद, दोनों देशों के बीच एक mutual ceasefire understanding हुई, जिसकी official announcement 10 मई को की गई। हालांकि, इस शांति समझौते के पीछे international pressure या रणनीतिक मजबूरी थी, यह बहस का विषय बना हुआ है।