नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से तिआनजिन में मुलाकात की। यह मोदी का सात साल बाद चीन दौरा है, जिसे दोनों देशों के रिश्तों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
SCO Summit की बधाई, नई उड़ानों का ऐलान
PM Modi ने शी जिनपिंग को Shanghai Cooperation Organisation (SCO) Summit के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि भारत, चीन से रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान मोदी ने ऐलान किया कि जल्द ही दोनों देशों के बीच बाइलैटरल फ्लाइट्स फिर से शुरू होंगी।
10 महीनों में दूसरी मुलाकात
यह दोनों नेताओं की पिछले 10 महीनों में दूसरी मुलाकात है। इससे पहले मोदी और शी की मुलाकात 2024 में रूस के BRICS Summit (Kazan) में हुई थी। तिआनजिन में हुई मुलाकात 40 मिनट के लिए तय थी, लेकिन चर्चा करीब 55 मिनट तक चली।
मोदी ने कहा कि कज़ान में हमारी सार्थक चर्चा हुई थी। बॉर्डर पर डिसएंगेजमेंट प्रोसेस के दौरान शांति और स्थिरता रही। कैलाश मानसरोवर यात्रा भी फिर से शुरू हो गई है। भारत-चीन सहयोग 2.8 अरब लोगों के हितों से जुड़ा है, जो मानवता के लिए ज़रूरी है।”
7 साल बाद China विजिट क्यों अहम?
पीएम मोदी का यह पहला चीन दौरा 7 साल में हुआ है। पिछली बार उनकी यात्रा 2020 के गलवान वैली क्लैश से पहले हुई थी, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए थे।
यह विजिट ऐसे वक्त हो रही है जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है (रूस से क्रूड खरीदने को लेकर)।
अमेरिका ने भारत पर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया है, जिसे भारत ने खारिज किया।
India-China Relations का नया दौर?
PM Modi ने कहा कि दोनों देश रिश्तों को “mutual trust, respect और sensitivity” पर आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनका मानना है कि भारत और चीन अगर साथ आते हैं, तो इससे न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया के आर्थिक ऑर्डर में स्थिरता लाई जा सकती है।
