नई दिल्ली. Rajendra Chola Jayanti 2025 के अवसर पर PM Narendra Modi ने सोमवार को Tiruchirappalli, Tamil Nadu में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत की हालिया सैन्य कार्रवाई Operation Sindoor की खुलकर सराहना की और देश की सुरक्षा को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि India now retaliates on its own terms, और no safe haven for enemies जैसे संदेश आज पूरी दुनिया को मिल चुके हैं।
Operation Sindoor: भारत की ताकत का प्रतीक बना यह मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आज का भारत अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। Operation Sindoor के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अपनी संप्रभुता पर हमला करने वालों को उनकी ही भाषा में जवाब देना जानता है। यह ऑपरेशन भारत की military strength और diplomatic willpower का प्रमाण बन चुका है।उन्होंने इसे New India’s self-confidence और decisive leadership का प्रतीक बताया।
पीएम मोदी ने गंगई कोंडा चोलपुरम में राजेंद्र चोल को श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में ऐतिहासिक Gangai Konda Cholapuram Temple में पूजा-अर्चना कर राजेंद्र चोल और राजराजा चोल जैसे महान शासकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह स्थल भारत की सांस्कृतिक विरासत और शक्ति का प्रतीक है।140 करोड़ देशवासियों के कल्याण के लिए मैंने भगवान शिव से प्रार्थना की,” उन्होंने अपने संबोधन में कहा।
Chola Dynasty: भारत के लोकतंत्र की जड़ें हजारों साल पुरानी
PM मोदी ने Chola Empire को “स्वर्णिम लोकतांत्रिक युग” करार दिया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया ब्रिटेन के Magna Carta की बात करती है, तब हमें गर्व होता है कि भारत में चोल साम्राज्य के समय ही democratic elections की परंपरा थी।
उन्होंने यह भी कहा कि चोल शासकों ने युद्ध के बाद सोना या पशुधन नहीं, बल्कि गंगाजल जैसे पवित्र प्रतीकों को लेकर आए—यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्राचीन कूटनीति को आधुनिक पहुंच से जोड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा कि चोल राजाओं ने Sri Lanka, Maldives, और Southeast Asia के साथ गहरे diplomatic and trade relations स्थापित किए थे। उन्होंने इस संदर्भ में अपनी हालिया मालदीव यात्रा का भी ज़िक्र किया। यह एक सुखद संयोग है कि कल ही मैं मालदीव से लौटा हूँ, और आज यहाँ चोल साम्राज्य की स्मृति में उपस्थित हूँ।”
काशी और गंगाजल से जुड़ाव: ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने Kashi connection को भी याद किया और बताया कि किस तरह से गंगाजल को इस समारोह में लाना एक symbolic cultural continuity है। मैं काशी का जनप्रतिनिधि हूँ और माँ गंगा से मेरा गहरा संबंध है। यह कार्यक्रम ‘Ek Bharat Shreshtha Bharat’ को नई ऊर्जा देता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने राजेंद्र चोल का स्मारक सिक्का जारी किया
इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री ने Rajendra Chola commemorative coin भी जारी किया, जो देश के गौरवशाली इतिहास को सम्मानित करने का प्रतीक है। यह कार्यक्रम तमिल संस्कृति से जुड़ा Adi Thiruvizha Festival का समापन समारोह था।