नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किसानों के लिए ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी कृषि योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें से एक Mission for Aatmanirbharta in Pulses (दालों में आत्मनिर्भरता मिशन) है। उन्होंने किसानों से घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय राजधानी के पुसा परिसर (Pusa Campus) में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की भूमिका विकसित भारत (Viksit Bharat 2047) के लक्ष्य को प्राप्त करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि ये दोनों योजनाएं प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (Pradhan Mantri Dhan Dhaanya Krishi Yojana – PM-DDKY) जिसकी लागत ₹24,000 करोड़ है, और ₹11,440 करोड़ की Mission for Aatmanirbharta in Pulses — “लाखों किसानों की किस्मत बदल देंगी।”
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण (Agriculture, Animal Husbandry, Fisheries & Food Processing) क्षेत्रों में ₹5,450 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग ₹815 करोड़ की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना: जानिए योजना की खास बातें
PM-DDKY का उद्देश्य Aspirational Districts Programme (ADP) मॉडल पर आधारित देश के 100 कम प्रदर्शन करने वाले कृषि जिलों को विकसित करना है। इस योजना के तहत फसल उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण (Crop Diversification) को प्रोत्साहित करने, सिंचाई और भंडारण सुविधाओं में सुधार करने, तथा किसानों को क्रेडिट एक्सेस (Credit Access) उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
Mission for Aatmanirbharta in Pulses: जानिए कैसे बढ़ेगी दालों की आत्मनिर्भरता
इस मिशन के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से 2030 तक दालों की खेती का रकबा (Pulses Acreage) 35 लाख हेक्टेयर बढ़ाने की अपील की है, ताकि भारत दाल उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सके।
इस मिशन का लक्ष्य वर्तमान 252.38 लाख टन दाल उत्पादन को 2030-31 तक 350 लाख टन तक पहुंचाना है, जिससे देश की आयात निर्भरता (Import Dependency) कम हो जाएगी।
कांग्रेस पर मोदी का निशाना
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (Congress Government) पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उसने कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की और इस महत्वपूर्ण सेक्टर के लिए कोई Vision नहीं रखा।
पिछले 11 वर्षों में कृषि क्षेत्र में हुए बड़े बदलाव
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पिछले 11 वर्षों में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों (Agriculture & Allied Sectors) में की गई प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “किसानों के हित में हमने ‘बीज से बाज़ार तक (Seed to Market Reforms)’ कई सुधार किए हैं।”
उन्होंने बताया कि उनके शासनकाल में कृषि निर्यात (Agricultural Exports) दोगुने हुए हैं, अन्न उत्पादन (Foodgrain Production) 900 लाख टन बढ़ा है, और फल-सब्जियों का उत्पादन (Fruits & Vegetables Production) 640 लाख टन तक बढ़ा है।
GST Reforms से किसानों को फायदा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल ही में GST दरों में की गई कटौती (GST Reduction) से ग्रामीण भारत और किसानों को बड़ा लाभ हुआ है।
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी (Farm Machinery) की कीमतें अब कम हो गई हैं, जिससे किसानों की लागत में कमी आई है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, तथा कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी उपस्थित थे।
