नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर तमिलनाडु के कोयंबटूर से PM-KISAN (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना की 21वीं किस्त जारी करेंगे। इस किस्त के तहत 9 करोड़ से अधिक किसानों को कुल 18,000 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पीएम-किसान योजना शुरू होने से अब तक 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के खातों में पहुंच चुकी है।
क्या है PM-KISAN योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जिसके तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। यह राशि तीन समान किस्तों में (हर चार महीने पर 2,000 रुपये) सीधे किसानों के बैंक खाते में Direct Benefit Transfer (DBT) के रूप में भेजी जाती है। इसे दुनिया के सबसे बड़े DBT प्रोग्रामों में से एक माना जाता है।
किन किसानों को मिलता है लाभ?
योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है जिनकी जानकारी निम्न शर्तों के अनुसार मिलान (verification) की गई हो—
किसान की भूमि का रिकॉर्ड PM-KISAN पोर्टल पर अपडेट हो
किसान का Aadhaar नंबर बैंक खाते से लिंक हो
किसान की e-KYC पूरी हो
सरकार ने हालिया वर्षों में फर्जी लाभार्थियों को हटाने और वास्तविक किसानों को शामिल करने के लिए कई तकनीकी सुधार किए हैं।
21वीं किस्त से पहले क्यों बढ़ी थी किसानों की उम्मीदें?
सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर जमीन रिकॉर्ड (Land Records) को डिजिटल रूप से जोड़ने का कार्य तेज किया है।
इसके साथ ही Aadhaar-based authentication और e-KYC प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाखों नए पात्र किसानों को सूची में शामिल किया गया है। इसी वजह से 21वीं किस्त का लाभ अधिक किसानों तक पहुँचने की उम्मीद जताई जा रही थी।
PM-KISAN का कृषि क्षेत्र पर प्रभाव
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना ने छोटे और सीमांत किसानों की तत्काल आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में मदद की है। कृषि इनपुट पर आने वाला खर्च—जैसे बीज, खाद, कीटनाशक—पूरा करने में सहायता मिली
किसानों को नकदी प्रवाह (cash flow) में स्थिरता मिली, जिससे खेती में उत्पादन बढ़ा है
आज की बड़ी घोषणा से क्या होने वाला है?
पीएम मोदी दोपहर में कोयंबटूर से किसानों के लिए संदेश भी देंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में तकनीक, डिजिटलाइजेशन और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने से जुड़े कई नए कदमों की घोषणा कर सकती है।
