नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो “आर्थिक स्वार्थ से उत्पन्न चुनौतियों” के बावजूद हासिल हुई, जिसका इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय सामान पर लगाए गए टैरिफ की ओर था। दिल्ली में आयोजित सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सभी उम्मीदों और अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है और अब देश को कोई रोक नहीं सकता।
भारत का सबसे छोटा चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगा
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत अब बैकएंड से आगे बढ़कर पूर्ण-स्टैक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बन रहा है और वह दिन दूर नहीं जब भारत का सबसे छोटा चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में भरोसेमंद साझेदार बनकर उभर रहा है और दुनिया अब भारत के साथ उद्योग का भविष्य निर्माण करने के लिए तैयार है। मोदी ने कहा कि तेल को पिछले युग का “ब्लैक गोल्ड” माना जाता था, वहीं चिप्स को “डिजिटल डायमंड” कहा जाता है, और यही 21वीं सदी की शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने 2021 में शुरू हुए सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम के बारे में बताया कि 2023 में भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट मंजूर हुआ, 2024 में अतिरिक्त प्लांट्स मंजूर किए गए और 2025 में पांच और परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई। कुल मिलाकर 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो रहा है, जो दुनिया में भारत के प्रति बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
मोदी ने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम का भी जिक्र किया
मोदी ने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम का भी जिक्र किया, जिससे केंद्र और राज्य से सभी अनुमतियां एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल रही हैं और निवेशकों को कागजी कार्यभार से राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सेमीकंडक्टर मिशन और डिज़ाइन-लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के अगले चरण पर काम कर रही है।
सम्मेलन के दौरान, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री को भारत में निर्मित पहला चिप पेश किया। इसमें विक्रम 32-बिट प्रोसेसर और चार मंजूर परियोजनाओं के टेस्ट चिप्स शामिल थे। ISRO के सेमीकंडक्टर लैब द्वारा विकसित विक्रम भारत का पहला पूर्णत: स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जो कठिन लॉन्च व्हीकल परिस्थितियों में भी प्रयोग योग्य है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीक का केंद्र हैं, जो स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शक्ति प्रदान करते हैं। डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन के बढ़ते दौर में सेमीकंडक्टर आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत ने मात्र चार वर्षों में सेमीकंडक्टर मिशन को विज़न से वास्तविकता में बदल दिया है।