नई दिल्ली. नीति आयोग ने रोजगार सृजन, किसानों की आय दोगुनी करने, विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात को गति देने के लिये अर्थशास्त्रियों सहित सरकार के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरूण जेटली सहित कई केन्द्रीय मंत्री शामिल हुये.
मालूम हो कि एक फरवरी को एनडीए सरकार अपना बजट पेश कर रही है. इस लिहाज से भी नीति आयोग की यह बैठक महत्वपूर्ण है. ‘आर्थिक नीति : आगे का रास्ता’ के विषय पर आयोजित इस बैठक में 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने नीति निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया.
बैठक में बढ़ती बेरोजगारी पर भी बातचीत हुई. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि विशेषज्ञों के एक समूह का मानना है कि बेरोजगारी दूर करने के लिये तेज विकास दर होना जरूरी है. अभी देश में 20 फीसदी शिक्षित बेरोजगार हैं.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि आर्थिक नीति-आगे का रास्ता पर अर्थशास्त्रियों तथा विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चा हुई. बैठक में विशेषज्ञों ने वृहद अर्थव्यवस्था, कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, विनिर्माण, निर्यात, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और संपर्क पर अपने विचार रखे.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि सभी विशेषज्ञों ने एक मत से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक का समर्थन किया. इसे विचार के लिए संसदीय समिति के पास भेजा गया है. विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद का स्थान लेगा.
विशेषज्ञों ने कहा कि किसानो की आय दोगुनी करने को लेकर नीति बनाई जाये. अक्सर उत्पादन बढ़ने के साथ फसल के दाम में कमी देखने को मिलती है.