नई दिल्ली. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एचडी देवगौड़ा और मनमोहन सिंह को जल्द ही अपने सरकारी आवास को अलविदा कहना पड़ सकता है. भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.
इस रिपोर्ट पर अगर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी, तो संभव है कि आने वाले दिनों में देश के कई पूर्व शीर्ष नेताओं को अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है.
दरअसल एक एनजीओ ‘लोक प्रहरी’ की ओर से पीआईएल दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने 23 अगस्त 2017 को पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम को इस मामले में न्याय मित्र नियुक्त किया था. यह पीआईएल उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मिलने संबंधी कानून बनाए जाने को लेकर था.
बेंच ने पिछली सुनवाई यह बात कही थी कि इस पीआईएल में जो सवाल उठाए गए हैं, वो जनता के हित से जुड़े हुए हैं. इसका असर दूसरे राज्यों और केंद्र पर भी पड़ सकता है.