नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित जल शक्ति मंत्रालय के ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम में देश में जल अभियान को सफल बनाने में योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान का आधार नारी शक्ति है और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना इस कार्यक्रम की सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
नारी शक्ति के बिना जल शक्ति की सफलता संभव नहीं : राष्ट्रपति मुर्मू
उन्होंने कहा कि जल संकट होता है तो इसमें सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. खासकर पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाएं इस समस्या से जूझती हैं और परिवार के लिए पेयजल की व्यवस्था करती हैं जिसमें उनका बहुत अधिक समय बर्बाद हो जाता है. जल संक्रमण को एक बड़ी समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे कई तरह की बीमारियां पैदा होती है.
दूषित जल से जो समस्याएं पैदा होती हैं उससे कई तरह के संकट खड़े होते हैं इसलिए जल संक्रमण से बचाव का एकमात्र तरीका घर-घर स्वच्छ जल उपलब्ध कराना है. राष्ट्रपति ने कहा “ जल जीवन का आधार है और इसके बिना जीवन संभव नहीं है. हमारे धर्म ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है. यजुर्वेद में जल की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इस धरती पर जीवन प्रदान करने वाला रस जल ही तो है.”
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने और जल के संरक्षण के लिए कचरे का उचित प्रबंधन जरूरी है. भूजल में मिलकर यह कचरा भूजल को बेकार न करे इसके प्रयास आवश्यक हैं. इस कचरे को खुले में नही छोड़ा जाना चाहिए और जल तथा पर्यावरण की शुद्धता के लिए इसका निस्तारण जरूरी है.
जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का संबोधन
जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सभी घरों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 256 जिलों के 1375 ब्लॉक में जल संरक्षण की योजना शुरू की है और 700 जिलों तक जल जीवन मिशन के तहत जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है. पिछले साल सरकार ने ‘कैच द रेन’ अभियान शुरू किया जिसके जरिए जल संचयन किया जा रहा है और अब आजादी के 75वें साल पर हर जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण कर घर घर शुद्ध पेय जल योजना को सफल बनाने के लिए काम किया जा रहा है.