नई दिल्ली.देश में ग्रामीण विकास को मजबूत करने और स्थानीय शासन को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार पंचायत राज संस्थाओं (PRIs) को नई ताकत दे रही है। संविधान की सातवीं अनुसूची में पंचायतें राज्य सूची का हिस्सा हैं, इसलिए प्रत्येक राज्य अपने-अपने पंचायती राज अधिनियमों के अनुसार पंचायतों का गठन और संचालन करता है। पंचायतों की क्षमता और विकास का स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि संबंधित राज्य उन्हें कितने अधिकार और संसाधन सौंपते हैं।
पंचायतों को ग्रामीण परिवर्तन का केंद्र बनाने पर जोर
सरकार का उद्देश्य पंचायतों और उनके जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण बदलाव का मुख्य आधार बनाना है। इसके तहत पंचायतों को सेवा वितरण का केंद्र बनाने और उनकी स्वयं की राजस्व क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan (RGSA): पंचायतों की क्षमता बढ़ाने का बड़ा मिशन
केंद्र सरकार RGSA नाम की centrally sponsored scheme चला रही है, जिसका मुख्य लक्ष्य पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर पंचायत शासन में सुधार लाना है।
इस योजना के तहत पंचायत भवन, कंप्यूटर और अन्य मूलभूत ढांचे के विकास में भी राज्यों की सहायता की जाती है।
पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष फोकस रखा गया है।
कर्नाटक में पोषणयुक्त खाद्य उत्पाद योजना को मिला समर्थन
स्थानीय नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए RGSA के तहत कई परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं।
कर्नाटक में “Affordable Packaged Nutritious Food Products by Rural SHG Women” परियोजना 2022–23 में स्वीकृत हुई, जिसकी लागत ₹3.17 करोड़ है। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों के सहयोग से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे पोषक खाद्य उत्पादों के उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ावा देना है।
15वें वित्त आयोग के तहत भारी भरकम फंड जारी
केंद्र सरकार पंचायतों को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार लगातार अनुदान दे रही है।
2020–21 (अंतरिम अवधि): ₹60,750 करोड़
2021–26 अवधि: ₹2,36,805 करोड़
कर्नाटक को जारी की गई राशि:
| वित्तीय वर्ष | राशि (₹ करोड़) |
|---|---|
| 2022–23 | 2093.55 |
| 2023–24 | 2086.59 |
| 2024–25 | 2133.25 |
eGramSwaraj: डिजिटल प्लेटफॉर्म से पंचायतें बनीं और पारदर्शी
केंद्र सरकार ने eGramSwaraj पोर्टल शुरू किया है जिसमें—
पंचायत की योजनाएं
प्रगति रिपोर्ट
वित्तीय प्रबंधन
संपत्तियों का विवरण
सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है।
यह पोर्टल PFMS से भी जुड़ा है ताकि पंचायतें अपने भुगतान रियल टाइम कर सकें।
‘Sabki Yojana Sabka Vikas’: लोगों की भागीदारी से बनेगा विकास का खाका
2018 से चल रहे इस अभियान का उद्देश्य ग्राम पंचायतों में साक्ष्य आधारित, समावेशी और समग्र विकास योजनाओं का निर्माण करना है।
वर्ष 2024–25 में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों ने अपनी वार्षिक विकास योजनाएं eGramSwaraj पर अपलोड की हैं।
इसके साथ ही, पोर्टल को GeM (Government e-Marketplace) से जोड़ दिया गया है ताकि पंचायतें पारदर्शी तरीके से खरीदारी कर सकें और “Vocal for Local” को बढ़ावा मिले।
AuditOnline: पंचायतों की ऑनलाइन ऑडिट प्रक्रिया
2020 में शुरू हुआ AuditOnline प्लेटफॉर्म पंचायतों के वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शी बनाता है और केंद्रीय अनुदान के उपयोग पर कड़ी निगरानी रखता है।
Panchayat NIRNAY पोर्टल: ग्राम सभा को बनाया और मजबूत
यह नया पोर्टल ग्राम सभा की बैठकों की—
तारीख
एजेंडा
निर्णय
को ऑनलाइन उपलब्ध कराता है।
उद्देश्य है कि आम नागरिक पंचायत निर्णय प्रक्रिया में अधिक शामिल हों और पारदर्शिता बढ़े।
PRI–CBO Convergence: सामूहिक योजना और विकास का नया मॉडल
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने PRI–CBO कन्वर्जेंस के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को Village Prosperity Resilience Plan (VPRP) की ट्रेनिंग दी।
कर्नाटक में:
804 ग्राम पंचायत समन्वय समितियां (GPCC) बनाई गई हैं
ये समितियां 34 ब्लॉक्स में सक्रिय हैं
इनका उद्देश्य विभिन्न विकास हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाना और GPDP के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है।
राज्यसभा में दी गई जानकारी
यह पूरी जानकारी केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 10 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में लिखित उत्तर के रूप में साझा की।
