शिमला. हिमाचल सरकार ने प्रदेश की अगले वित्त वर्ष की वार्षिक योजना के लिए 6300 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की है. पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इसमें 600 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को आयोजित विधायक प्राथमिकताओं की बैठक में इसकी घोषणा की.
सोमवार से अगले वित्त वर्ष की विधायक प्राथमिकताएं तय करने के लिए दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई है. पहले दिन के पहले सत्र में शिमला, सोलन, सिरमौर और लाहौल स्पीति के विधायकों ने इस बैठक में हिस्सा लिया. सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में विधायक प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई.
बैठक में सीएम जयराम ने कहा कि अगले वित्त वर्ष की राज्य की वार्षिक योजना 6300 करोड़ की प्रस्तावित की गई है जबकि पिछले वर्ष यह 5700 करोड़ की थी. इस प्रकार इसमें इस साल 10.51 फीसदी की बढो़तरी प्रस्तावित की गई है. यह राज्य की 2017-18 वर्ष की पहले नौ माह की 6.8 फीसदी की ग्रोथ रेट से अधिक है.
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के माध्यम से नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकताओं के कार्यों के कार्यान्वयन के लिए धनराशि की सीमा में वृद्धि की भी घोषणा की. विधायक अब लोक निर्माण तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभागों से सम्बन्धित अपने चुनाव क्षेत्र की 90 करोड़ रुपये तक की विभिन्न विकास योजनाओं को नाबार्ड को प्रेषित कर सकते हैं. इससे पूर्व यह सीमा 80 करोड़ रुपये की थी.
घर के पास चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में मददगार होगा
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए 1351 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से ऊना में पीजीआई उपग्रह केन्द्र के लिए भी केन्द्र सरकार का आभार जताया. ऊना में 300 बिस्तरों का यह पीजीआई उपग्रह केन्द्र हिमाचल प्रदेश के मरीजों को उनके घर के पास चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में मददगार साबित होगा और गुणात्त्मक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश से पीजीआई के लिये मरीजों की भीड़ को कम करेगा.
69 राष्ट्रीय राजमार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार
केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राजमार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए परामर्शी सेवाएं लेने की प्रक्रिया इस वर्ष 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी. मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में उचित निर्देश भी जारी किए. समस्त विभागों को केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास कार्यों, विशेषकर सड़क परियोजनाओं के लिए वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत दी जाने वाली स्वीकृति की शक्तियों को मौजूदा एक हैक्टेयर से पांच हेक्टेयर तक बढ़ाने के लिए मामला केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से उठाएगी. क्योंकि अधिकांश सड़क परियोजनाएं वन संरक्षण अधिनियम की जटिलताओं के कारण लटकी रहती हैं.
उड़े देश का आम नागरिक उड़ान
मुख्यमंत्री ने राज्य में हवाई कनेक्टिविटी तथा सड़क नेटवर्क को बढ़ावा देने पर बल दिया और प्रधानमंत्री द्वारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना चरण-1 व चरण-2 ‘उड़े देश का आम नागरिक उड़ान’ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस योजना से पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.इसके अलावा, समुद्री विमानों के परिचालन का मुद्दा भी केन्द्र सरकार से उठाया गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार स्थाई विकास लक्ष्यों की रूपरेखा और वर्ष 2022 तक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रही है. सरकार अनुत्पादक व्यय को कम करने के उपायों के लिये आवश्यक कदम उठाने का प्रयास करेगी और राज्य की आर्थिक दशा को सुधारने की कोशिश करेगी.
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को विधायक प्राथमिकताओं के कार्यों को पूरा करने तथा इनमें से अधिकतर कार्यों को केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वीकृत करवाने तथा विधायकों के सुझावों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए.