नई दिल्ली. Puri Jagannath Temple के प्रमुख रत्न और आभूषण अब Original Treasure Vault में सुरक्षित रूप से शिफ्ट कर दिए गए हैं। मंदिर प्रशासन ने पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार यह प्रक्रिया पूरी की है। नियमों के अनुसार, रत्न भंडार की तीन चाबियां Temple Administration, Gajapati Maharaj के प्रतिनिधि और Treasurer के पास रखी गई हैं।
अस्थायी स्ट्रांग रूम में रखे गए रत्न
रत्नों के Restoration & Maintenance के लिए, 18 जुलाई 2024 को सभी रत्न और आभूषण मंदिर के अंदर Temporary Strong Room में रखे गए थे। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। मंदिर के मुख्य प्रशासक Arvind Padhi के अनुसार, मंगलवार सुबह 10:55 बजे से दोपहर 2:55 बजे तक सभी रत्न अस्थायी स्ट्रांग रूम से Main Treasure Vault में स्थानांतरित किए गए। इसके बाद आंतरिक रत्न भंडार (भीतरा रत्नभंडार) को सील कर दिया गया और State Government SOP के अनुसार पुरी जिला कलेक्टर की देखरेख में रत्नभंडार की चाबियां जिला कोषागार में जमा कर दी गईं।
पूजा और सुरक्षा: धार्मिक और प्रशासनिक दृष्टि
स्थानांतरण से पहले, High-Level Committee के अध्यक्ष न्यायमूर्ति Bishwanath Rath, मुख्य प्रशासक, पुरी के जिला मजिस्ट्रेट और एसपी सहित अधिकृत प्रतिनिधियों ने भगवान के दर्शन कर रत्नों के सुरक्षित हस्तांतरण के लिए प्रार्थना की।
भक्तों के दर्शन सुबह 9:30 बजे बंद कर दिए गए थे। पुलिस ने मंदिर में Three-Level Security System लागू किया।
रत्न भंडार का जीर्णोद्धार और मूल्यांकन
24 जुलाई 2024 को सबसे पहले रत्न भंडार खोला गया और उसकी स्थिति की जांच की गई।
18 जुलाई 2024 को रत्नों और आभूषणों को अस्थायी स्ट्रांग रूम में रखा गया।
रत्न भंडार को जीर्णोद्धार के लिए ASI (Archaeological Survey of India) को सौंपा गया।
न्यायमूर्ति Bishwanath Rath ने कहा:
“जुलाई 2025 में रत्न भंडार का जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद, ASI ने मंदिर प्रशासन को रत्न भंडार सौंप दिया।”
अगले चरण में State Government SOP के अनुसार रत्नों और आभूषणों का नया मूल्यांकन किया जाएगा। अंतिम मूल्यांकन 1978 में हुआ था।
भक्तों की उत्सुकता
रत्नों और आभूषणों के स्थानांतरण के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, जगन्नाथ भक्त अब नए मूल्यांकन और रत्नों की सुरक्षा की जानकारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।