नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को Election Commission of India (ECI) पर तीखा हमला बोलते हुए चेतावनी दी कि विपक्षी गठबंधन India Block बिहार और केंद्र में सरकार बनने पर Chief Election Commissioner (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों को वोटों की चोरी के लिए जवाबदेह ठहराएगा। यह बयान उन्होंने बिहार में चल रही Voter Rights Campaign और Special Intensive Revision (SIR) of Voter List को लेकर दिया, जिसे उन्होंने 2024 के आम चुनाव से पहले “वोट चोरी” बढ़ाने वाला कदम बताया।
राहुल गांधी ने लगाया आरोप
बिहार की सभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया दरअसल भाजपा सरकार के पक्ष में काम कर रही है और इसे राज्य के लिए एक विशेष पैकेज की तरह पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि हम हर विधानसभा और लोकसभा सीट पर मत चोरी को पकड़ेंगे और जनता के सामने लाएंगे। गांधी ने चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाया कि वह सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में काम कर रहा है।
यह बयान मुख्य चुनाव आयुक्त Gyanesh Kumar द्वारा सात दिन का अल्टीमेटम जारी करने के अगले दिन आया, जिसमें गांधी से अपने आरोपों के समर्थन में हस्ताक्षरित हलफनामा पेश करने या माफ़ी मांगने को कहा गया था। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने गांधी से अनुरोध किया कि वे सभी प्रभावित मतदाताओं का विवरण ईपीआईसी नंबर सहित प्रदान करें। इसकी अंतिम तिथि 1 सितंबर, 2025 तय की गई है।
इस विवाद में राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो साझा किया, जिसमें औरंगाबाद के मतदाताओं की शिकायतें दिखाईं गईं। वीडियो में उन्होंने RJD नेता तेजस्वी यादव और CPI(ML) नेता दीपांकर भट्टाचार्य के साथ मतदाताओं की दलीलों को सुना।
चुनाव आयोग और विपक्षी नेताओं के बीच यह टकराव बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की पारदर्शिता और आगामी आम चुनावों में Electoral Transparency in India को लेकर बहस का नया विषय बन गया है। राहुल गांधी के इस बयान ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और वोटों की सुरक्षा को लेकर देश में गरमागरम चर्चा छेड़ दी है।