नई दिल्ली. वसुंधरा सरकार की ओर से विवादास्पद ‘लोकसेवक’ अध्यादेश राजस्थान की विधानसभा में सोमवार को पेश किया गया. जिसके बाद इस अध्यादेश के ख़िलाफ़ कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ बीजेपी के दो नेताओं ने भी सदन में इसका विरोध किया. जिसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
राहुल गाँधी का हमला
इससे पहले, इस अध्यादेश के खिलाफ़ कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर हमला बोला है. राहुल गाँधी ने कहा कि मैं पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहता हूँ कि हम 21वीं सदी में हैं. यह 2017 है, न कि 1817.
Madam Chief Minister, with all humility we are in the 21’st century. It’s 2017, not 1817. https://t.co/ezPfca2NPS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 22, 2017
वहीं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस विधेयक का पुरज़ोर विरोध किया है. एडिटर्स गिल्ड ने इसे भारतीय संविधान की तरफ से सुनिश्चित प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाला एक ‘घातक कानून’ करार दिया है.
इस अध्यादेश के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति जजों, अफसरों और लोक सेवकों के खिलाफ अदालत के जरिये सीधे एफआईआर दर्ज नहीं करा सकेगा. इसके लिये उसे कोर्ट को पहले राजस्थान सरकार से अनुमति लेनी होगी. नियम के मुताबिक, सरकार 6 महीने के अंदर यह तय करेगी कि कोर्ट किसी लोकसेवक, प्रशासनिक अधिकारी और जज के खिलाफ दायर की गयी किसी निज़ी याचिका पर जांच बिठा सकता है या नहीं.
इसके अलवा मजिस्ट्रेट भी बिना सरकार की इजाज़त के जाँच और प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश नहीं दे सकेंगे. इसके अलावा इस अध्यादेश में मीडिया को के लिए भी कई रोक लगाए गए हैं. जैसे अब जज, मजिस्ट्रेट या लोकसेवक का नाम और पहचान सरकार के अधिकारी की इजाज़त के बिना जारी नहीं किया जा सकता है.