नई दिल्ली. शुक्रवार को केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय के महत्वपूर्ण पद को अस्वीकार करने वालों में सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार का नाम भी जुड़ गया.
मालूम हो कि, कानून मंत्रालय के सौंपे गये इस इस्तीफे में सरकार की स्वीकृति की मुहर लगना अभी बाकी है क्योंकि रवि शंकर प्रसाद बहामास के दौरे पर हैं और उनके 22 अक्टूबर को लौटने की संभावना है. रंजीत कुमार ने एक पंक्ति वाले अपने इस्तीफे में लिखा है कि पारिवारिक दिक्कतों के चलते वह अपना कार्य पूरा करने में असमर्थ हैं, इसलिये वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
हालांकि रंजीत कुमार ने जुलाई में केंद्र द्वारा दो साल के लिये अपना कार्यभार बढ़ाये जाने के फैसले पर हामी भरी थी जिसके तहत वह मौजूदा सरकार के साथ काम कर रहे थे. ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे पहले एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी जून में अपना कार्यसत्र बढ़ाने से सरकार को इंकार कर दिया था. दो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस पटवालिया और नीरज किशन कौल ने भी सरकार के साथ काम करने के बजाय निजी प्रैक्टिस को ज्यादा महत्व दिया था. कार्यभार से उन दोनों को मुक्त किये जाने के बाद से पिछले 4 महीने से यह दोनों पद खाली पड़े हैं. हालांकि मुकुल रोहतगी की जगह वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेनुगोपाल ने ले ली थी.