शिमला: प्रदेश में पहली बारिश से ही सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं और रसोई में रोज इस्तेमाल होने वाली सब्जियां बजट से बाहर होती जा रही हैं. सब्जियों की महंगाई से हर कोई परेशान है. लोगों को झटका तब लगा, जब लोग सोमवार सुबह सब्जी खरीदने बाजारों में पहुंचे.
हर साल की तरह इस साल भी बरसात की पहली बारिश ने सोमवार से सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी कर दी है. खासतौर पर टमाटर महंगा बिक रहा है. सोमवार को बाजार में टमाटर 80 रुपए प्रति किलो बिकना शुरू हो गया. वहीं, जिला मुख्यालय धर्मशाला के कचहरी बाजार के एक ही चौक में मात्र 10 मीटर की दूरी में सब्जियों के दाम बदलना शुरू हो गए.
मंडी में बैंगन, भिंडी, मटर 40 से 60 रुपए किलो बिके
इसके अलावा अन्य सब्जियां गोभी, फ्रेंचबीन, बैंगन, भिंडी, मटर 40 से 60 रुपए किलो है. बरसात अभी शुरू ही हुई है, जिसके चलते सब्जियों के दाम और महंगा करने की आशंका बढ़ रही है. इसकी वजह है कि इस साल टमाटर का उत्पादन चार फीसदी और आलू का उत्पादन पांच प्रतिशत घटने का अनुमान कृषि मंत्रालय ने जताया है.
कचहरी सब्जी दुकानों में कहीं नहीं दाम सूची
मनमर्जी से बेच रहे सब्जी कचहरी सब्जी दुकानों में ग्राहकों की जानकारी के लिए किसी भी सब्जी दुकानों पर सब्जी दामों की सूची नहीं लगाई गई है. जिससे हर दुकानदार अपनी मर्जी से दाम लगाकर सब्जी बेच रहा है. एक ही इलाके में सब्जियों के दाम अलग-अलग मिल रहे है.
पानी लगने से जल्दी खराब होती है सब्जियां
कचहरी में सब्जी बिक्रेता उषा देवी व ठाकुर दास ने बताया कि हर साल बरसात में सब्जियों के दाम बढ़ जाते है. क्योंकि बरसात में बारिश होने के कारण सब्जियां खराब हो जाती है. जिसके कारण किसानों व सब्जी बिक्रेता हो भारी नुकसान उठाना पड़ता है, और कई बार मार्ग खराब होना भी सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी का एक कारण है.
सब्जी विक्रेता ने बताया कि सब्जी मंडी में सब्जी पीछे मंडी से ही महंगी आ रही है, जो ग्रेट वीरवार को 500 रुपए में मिल रहा था वहीं ग्रेट अब 1200 रूपए में मिल रहा है जिससे टमाटर महंगे बिकना शुरू हो गए है.