बिलासपुर. कंदरौर पंचायत के धार इलाके में पेयजल भंडारण टैंक में मरे हुए चूहे और पक्षी मिलने का खुलासा होते ही सोमवार को सरकारी अमला हरकत में आ गया. आईपीएच के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. सदर के विधायक सुभाष ठाकुर भी वहां पहुंचे.
हालांकि विभाग के अधिकारी दूषित पानी के सेवन को लेकर पहले यही कहते हुए स्थानीय लोगों पर ठीकरा फोड़ते रहे कि टैंक को पहले ही बंद किया जा चुका है, लेकिन जब संबंधित परिवारों को नई स्कीम से कनेक्शन न दिए जाने की बात सामने आई तो वे भी चुप हो गए. विधायक ने विभाग को उन्हें स्वच्छ पानी मुहैया कराने के निर्देश दिए.
कंदरौर के धार इलाके के ग्रामीणों को पूर्व में जिस टैंक से पानी आपूर्त किया जा रहा था, उसे आईपीएच विभाग ने बंद कर दिया था. लोगों को एक अन्य स्कीम से सीधे कनेक्शन दिए गए थे,लेकिन 3 परिवार इससे वंचित रह गए थे. टैंक में काफी पानी होने की वजह से वह कई दिनों तक उसी को प्रयोग करते रहे. इस बीच इन परिवारों के कुछ सदस्य उल्टी-दस्त की चपेट में भी आ गए. पिछले रविवार को जब टैंक खाली होने पर उनके नलों में पानी नहीं आया तो वह टैंक का जायजा लेने गए थे. वहां टैंक में मरे हुए चूहे व पक्षी मिले. तब उनकी समझ में आया कि उल्टी-दस्त की बीमारी फैलने का कारण दूषित पानी का सेवन था.
सोमवार को टैंक में मरे हुए चूहे व पक्षी मिलने की खबरें मीडिया में आते ही सरकारी अमला हरकत में आ गया. विधायक सुभाष ठाकुर तथा आईपीएच के एक्सईएन राकेश पराशर समेत कई अन्य अधिकारी भी वहां पहुंचे. हालांकि पहले वह यही कहते रहे कि उक्त टैंक को कई दिन पहले ही बंद किया जा चुका है तथा उक्त परिवारों के लिए सार्वजनिक नल लगाया गया है. इस पर संबंधित परिवारों ने बताया कि सार्वजनिक नल में पानी नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से उन्हें मजबूरन पुराने टैंक का पानी ही प्रयोग करना पड़ रहा था. उन्हें नहीं पता था कि टैंक में गंदगी के साथ मरे हुए चूहे और पक्षी भी पड़े हैं. जब गत रविवार को नलों में पानी नहीं आया तो उन्हें इसकी जानकारी हुई. इस पर विधायक ने विभाग को संबंधित परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.