शिमला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में जीतने से पहले हिमाचल के बागवानों से वायदा किया था कि सेब पर आयात शुल्क बढ़ाएंगे। बागवानों ने प्रधानमंत्री को उनका किया यह वायदा याद करवाया है और कहा है कि या तो विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढाया जाए या फिर कोटा निर्धारित किया जाए, ताकि बागवानों को अच्छे दाम मिले।
विदेशी सेब ज्यादा बेहतर
ऐसे में जब देश में बाहरी देशों से आयात हो रहे सेब ने पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उतराखंड और जम्मू कश्मीर के सेब पर विपरीत असर डाला है। एप्पल ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र चौहान ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, चीन, फ्रांस और न्यूजीलैंड का सेब यहां के सेब पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी सेब एक तो अच्छी किस्म का है, दूसरा सस्ता पड़ता है। क्योंकि, हिमाचल में सेब की उन्नत किस्म नहीं है।
सेब पर आयात ड्यूटी बढ़ाये केंद्र सरकार
नतीज़तन केंद्र सरकार को चाहिए कि सेब पर आयात ड्यूटी बढ़ाई जाए। चौहान ने कहा कि सरकार को नई तकनीक और उन्नत किस्म के सेब पर बल देना चाहिए ताकि, हिमाचल का सेब विदेशी सेब को टक्कर दे सके। यहीं नहीं पहाड़ी प्रदेशों के सेब के लिए सरकार अलग से नीति बनाए।
कुल उत्पादन का 40 फीसदी सेब अभी भी विभिन्न बाज़ार में है और जल्द ही ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित अन्य विदेशी सेब आयात होने वाला है जिससे हिमाक्जल के बागवानों को भारी नुकसान होगा।
इसके अलावा मिट्टी की जांच के बाद सेब की किस्म बगीचों में लगाई जाए। सरकार को सेब की फसल को विशेष फसल का दर्जा देना चाहिए। ज्यादा तापमान में पैदा होने वाले पौधों की किस्मों को बढ़ाया जाए, साथ ही सेब में दवाईयों का छिड़काव भी कम हो ताकि यहां के सेब की गुणवत्ता बनी रहे।