नई दिल्ली. भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) के तहत एक अहम कदम उठाते हुए रेपो रेट (Repo Rate) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.5% कर दिया है। यह कटौती मई 2020 के बाद पहली बार देखने को मिली है और 2025 में अब तक रेपो रेट में कुल 100 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है। फरवरी और अप्रैल में की गई 25-25 आधार अंकों की कटौती के बाद यह तीसरा बड़ा फैसला है, जो सस्ते लोन (Low Interest Loans) की संभावना को बढ़ाता है।
वित्त सचिव संजय मल्होत्रा ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) अब नियंत्रण में है और यह RBI के 4% लक्ष्य के अनुरूप है। साथ ही, Core Inflation के भी सौम्य रहने की उम्मीद जताई गई है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी से आगे बढ़ रही है और उसमें और गति लाने की कोशिशें जारी हैं।
खुदरा मुद्रास्फीति में हाल के महीनों में तेज गिरावट देखने को मिली
Retail Inflation में हाल के महीनों में तेज गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल में यह गिरकर 3.16% के करीब आ गई, जो कि पिछले छह वर्षों में सबसे कम स्तर है और RBI के Medium-Term Target (4%) से भी नीचे है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 को लेकर RBI ने Real GDP Growth Rate 6.5% रहने का अनुमान जताया है। तिमाही दरों के अनुसार: Q1 में 6.5%, Q2 में 6.7%, Q3 में 6.6% और Q4 में 6.4% ग्रोथ की उम्मीद है। मल्होत्रा के मुताबिक, Growth Risk फिलहाल संतुलित हैं, जो अर्थव्यवस्था को स्थायित्व देने में मदद करेंगे।