नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती की है. अब रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटकर 6.0 फीसदी रह गया है. यह रेट पिछले साढे छह सालों में सबसे कम है. इस फैसले के बाद घर, गाड़ी और कंपनी का कर्ज सस्ता होगा. पिछले दो सालोंं में अबतक 8 बार रेपो रेट में बदलाव किया जा चुका है. बता दें कि जिस ब्याज दर पर रिजर्व बैंक, व्यावसायिक बैकों को नगद देती है उसे रेपो रेट कहा जाता है. बैंक के द्वारा रिजर्व बैंक में जमा की गई नगदी पर मिलने वाला ब्यााज दर रिवर्स रेपो रेट कहलाता है.
इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी बदलाव किया गया है. अब यह 0.25 फीसदी घटकर 5.75 फीसदी रह गया है. यह फैसला आरबीआई के मॉनिटर रिव्यू पॉलिसी की पहली बैठक में लिया गया है. इसका गठन आरबीआई के वर्तमान गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में पिछले साल सितंबर महीने में किया गया था.
बैठक में किसानों के कर्ज माफी से मुद्रस्फीति बढने और राजकोषिय बजट में असंतुलन होने की संभावना जतायी गयी थी. हाल ही मेेंं उत्तरप्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक में किसानों के कर्ज की माफी सरकार ने की है. मुद्रास्फीति के बढ़ने से रूपया का मूल्य घटता है और सामान के दामों में तेजी आ जाती है.
हालांकि बैठक में कृषि क्षेत्र की स्थिति बेहतर बतायी गयी है, जबकी उद्योग जगत में मांग में कमी होने से निवेश घटने की बात कही गयी है.