शिमला: हिमाचल में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिलेगी. राज्य सरकार ने प्रदेश के दो अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. टांडा मेडिकल कालेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चम्याणा में जल्द रोबोटिक सर्जरी के लिए मशीनें स्थापित की जाएंगी.
IGMC में अब से रोबोटिक सर्जरी की भी सुविधा
रोबोटिक सर्जरी व मशीनों को स्थापित करने के लिए डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन की ओर से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन की ओर से टेंडर एन्क्वायरी डॉक्यूमेंट के मुताबिक दोनों अस्पतालों के लिए मशीनें व उपकरण स्थापित करने के लिए ई-टेंडर होंगे. टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली फर्मों को 2.60 करोड़ रुपए की अग्रिम राशि जमा करनी होगी, जबकि एक अस्पताल के लिए टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली फर्मों 1.30 करोड़ रुपए की अग्रिम राशि जमा करनी होगी.
27 जुलाई तक को डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन कार्यालय कुसुम्पटी में प्री बिड बैठक होगी, जबकि दस अगस्त को डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन कुसुम्पटी में ही टेक्निकल बिड खुलेगी. रोबोटिक सर्जरी की मशीनें व उपकरण स्थापित करने के लिए इच्छुक फर्म दस अगस्त दोपहर दो बजे तक टेंडर डॉक्यूमेंट और अग्रिम राशि के साथ ई-टेंडर अपलोड कर सकते हैं.
रोबोटिक सर्जरी में एक चिकित्सक कंसोल में बैठकर सर्जिकल साधनों की मदद से पेट के कैंसर, बड़ी आंत, प्रोस्टेट और लिवर के कैंसर का आपरेशन आसानी से और जल्दी कर सकेगा. इससे चिकित्सक बीमारी को सही तरह से देख सकेंगे. एक सामान्य तरीके से आपरेशन करने में जहां तीन घंटे लगते हैं, वहीं रोबोटिक सर्जरी से आपरेशन एक से डेढ़ घंटे में ही हो जाएगा. इसके अलावा पांच से सात लोगों के बजाय एक चिकित्सक, एक एनेस्थीसिया चिकित्सक और एक सिस्टर पूरे आपरेशन का काम संभालेगी.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट में की थी घोषणा
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने बजट में ऐलान किया था कि इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल आईजीएमसी में रोबोटिक सर्जरी विभाग बनेगा. इसके तहत आंत, कैंसर, लिवर समेत गंभीर बीमारियों के मरीजों को इसका लाभ होगा. रोबोटिक मशीन की कीमत लगभग 25 करोड़ तक है. अभी पीजीआई चंडीगढ़ के चिकित्सक इस तरीके से सर्जरी करते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.