लाहौल-स्पीति. लाहौल घाटी का शेष विश्व से बारहोंं महीने जुड़ने का सपना चन्द दिनों में साकार होने जा रहा है. वहीं, रोहतांग सुरंग के नामकरण को लेकर भी लोगों में खासा जिज्ञासा देखने को मिल रही है. घाटी के लोग रोहतांग सुरंग का नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग कर रहे हैं.
स्थानीय इतिहासकार छेरिंग दोरजे कहते हैं, “रोहतांग सुरंग अटल बिहारी वाजपेयी की देन है, सो इस सुरंग का नाम भी उन्ही के नाम पर पड़ना चाहिये.
करगिल युद्ध के समय इस भू-भाग को शेष दुनिया से जोड़ने के लिये रोहतांग सुरंग की आवश्यकता महसूस हुई. वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री के ‘लाहौली’ बाल सखा टशी दावा ने भी कई बार घाटी के लोगों को विशेषकर सर्दियों के दिनों में आ रही दिक्कतों के बारें में चर्चा की और रोहतांग सुरंग के निर्माण की गुहार पूर्व प्रधानमंंत्री से लगाई.
लिहाजा संयोग कहे या नियति, अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार रोहतांग सुरंग के अपरोच सड़क मार्ग का उद्घाटन किया और इसी के साथ सुरंग निर्माण की ओर पहला कदम पड़ा. अब तक प्रोजेक्ट पूरा करने में 2,200 करोड़ लग चुके हैं. हालांकि, वाहनों की आवाजाही के लिए सुरंग 2019 में बनकर तैयार हो पायेगा.