नई दिल्ली. Parliament Monsoon Session 2025: संसद के मॉनसून सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है। बीते तीन दिनों की तरह गुरुवार को भी Lok Sabha और Rajya Sabha में Question Hour बाधित हो गया। इस बीच कांग्रेस सांसद Priyanka Gandhi Vadra का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने सत्ता पक्ष पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।
क्या फिर ठप रहेगा Parliament का काम? जानिए आज का सत्र कितना रहा प्रभावी
जैसे ही आज संसद की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने Bihar Voter List Revision (SIR) पर बहस की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस, शिवसेना (UBT), AAP और अन्य INDIA Bloc पार्टियों के सांसदों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। इसका नतीजा ये हुआ कि Lok Sabha और Rajya Sabha की कार्यवाही एक बार फिर से दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
Priyanka Gandhi का आरोप: “हमें बोलने नहीं दिया जाता”
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि हर बार जब विपक्ष कोई मुद्दा उठाना चाहता है, सत्ता पक्ष व्यवधान पैदा कर देता है। हमें चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती। पिछली बार मैंने देखा कि व्यवधान की शुरुआत खुद सरकार की तरफ से हो रही थी। Priyanka ने ये भी आरोप लगाया कि संसद को बहस का मंच बनने के बजाय राजनीतिक रणनीति का अड्डा बनाया जा रहा है।
SIR को लेकर विपक्ष के तीखे सवाल
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का बयान:
“बिहार में चल रही Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया ने मतदाताओं में भरोसे की बजाय संदेह पैदा किया है। बार-बार ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जो आम नागरिकों के पास नहीं हैं। इससे हजारों परिवारों का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है?
AAP सांसदों ने भी उठाई आवाज
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसदों ने भी SIR पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। पार्टी का कहना है कि बिहार में Election Commission द्वारा कराए जा रहे इस विशेष पुनरीक्षण अभियान की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठते हैं।
क्या है SIR विवाद?
Special Intensive Revision (SIR) एक प्रक्रिया है जिसमें voter list update, डुप्लीकेट नाम हटाना और नए मतदाताओं को जोड़ना शामिल है। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि बिहार में यह प्रक्रिया selective तरीके से की जा रही है जिससे बड़ी संख्या में कमजोर और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं।
संसद सत्र का भविष्य: बहस या बहिष्कार?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या Monsoon Session 2025 में कोई सार्थक बहस हो पाएगी या फिर यह सत्र भी Opposition Protest और House Disruption में ही निकल जाएगा?