शिमला. शिक्षा विभाग द्वारा अगस्त 2011 के पश्चात नियुक्त सभी भाषा अध्यापक तथा शास्त्री अध्यापको को शिक्षा का अधिकार कानून का हवाला देकर डीएलएड करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा कि अगर शिक्षा का अधिकार कानून 2010 में लागू हुआ तो शिक्षा विभाग ने 2010 मे भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन क्यों नहीं किया. सात वर्ष बाद शिक्षा विभाग को भाषा अध्यापक तथा शास्त्री अप्रशिक्षित नजर आने लगे, जबकि भाषा अध्यापक व शास्त्री अध्यापकों को शिक्षा का अधिकार कानून में शैक्षणिक योग्यता बीएड है, तो इन्हें डीएलएड करने के लिए क्यों बाध्य किया जा रहा है.
आजकल स्कूलों में बच्चों की वार्षिक परीक्षा नजदीक होने के कारण पढ़ाई बाधित हो रही है. शिक्षक खुद पढ़े या बच्चों को पढ़ायें संघ ने सरकार व शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि झ्स अधिसूचना को तुरन्त वापिस लें तथा 2018 में आर एण्ड पी रूल्ज में संशोधन कर इसमें शामिल किया जाए. 2017 तक सभी को डीएलएड में छूट दी जाए. प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संघ को इस पर शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. उन्होंने शिक्षा सचिव को डीएलएड कोर्स को एग्जामीन कर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है.