कुल्लू/लाहौल-स्पीति. हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में सर्दी के मौसम ने रफ्तार पकड़ ली है. प्रदेश के ऊंचे पहाड़ बर्फ की चादर से ढक गए हैं. जबकि निचले क्षेत्रों व घाटियों में रात से लेकर अभी तक बारिश का क्रम जारी है.
चारों ओर बर्फ ही बर्फ
हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र लाहुल-स्पीति में सप्ताह भर से बर्फबारी का दौर जारी है, जो बीती रात से और अधिक प्रभावी हो गया है. लाहुल में ऊंचे पहाड़ ही नहीं निचले क्षेत्रों में भी पांच-छह इंच से लेकर कई जगह पर एक फीट तक बर्फ की परत बन चुकी है. यहां कुंजम दर्रा, बारालाचा दर्रा, शिपकिला, लेडी ऑफ केलंग सहित अन्य पहाड़ भी पूरी तरह सफेद हो गए हैं. जबकि लाहुल-स्पीति के मुख्यालय केलंग व उदयपुर के अलावा स्पीति घाटी में काजा तक बर्फ पड़ी है. इसके अलावा कुल्लू-मनाली के रोहतांग दर्रे पर तो लगातार बर्फबारी हो रही है. यहां तकरीबन डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है.
इसी तरह मनाली के पर्यटन स्थल सोलंग वैली, फातरु फोजल घाटी, व मढ़ी से लेकर गुलाबा बेरियर व कोटी तक बर्फ ही बर्फ दिख रही है. जबकि तीर्थन घाटी व मणिकर्ण घाटी के ऊंचे पहाड़ों सहित जलोड़ी जोत इलाके को भी बर्फ ने अपने आगोश में ले लिया है.
जिला मुख्यालय कुल्लू व साथ लगते तमाम क्षेत्रों और उपमंडलीय इलाकों में भी रात से लेकर बारिश हो रही है, जिससे यहां ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है और विभिन्न क्षेत्रों में तापमान पांच-आठ डिग्री से लेकर अधिकतम दस डिग्री तक रह गया है.
लाहौल में बर्फबारी से हुई परेशानी
वहीं लाहौल घाटी में आज दूसरे दिन भी हिमपात जारी रहा. जिसके चलते घाटी का सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. रोहतांग दर्रे समेत घाटी के भीतर भी वाहनों की आवाजाही हुई ठप्प रही और लोगो को अपने गन्तव्य स्थान तक पहुंचने में परेशानी भी हुई.
घाटी में लगातार हो रही हिमपात से रोहतांग दर्रे समेत घाटी के भीतर वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो गई है. जिससे कुल्लू मनाली से आये लाहौल के आराध्य देव राजा घेपन के दर्शन को सैकड़ों लोग लाहुल घाटी में फंस गए है. वहीं बागवान भी खासा परेशान है. उनके सेब अब भी लाहौल में फंस गए हैं. जिससे घाटी के बागवानो की मुसीबते बढ़ गई हैं.