नई दिल्ली. हरिद्वार के प्रसिद्ध Mansa Devi Temple में रविवार सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 25 से अधिक घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब मंदिर के पैदल मार्ग पर भीड़ एक साथ जमा हो गई और अचानक अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस और राहत दलों ने rescue operation तेज़ी से शुरू किया।
भगदड़ कैसे हुई? Crowd Control क्यों फेल हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, Mansa Devi Mandir Haridwar की ओर जाने वाले करीब 2 किलोमीटर लंबे रास्ते पर अचानक भीड़ बढ़ गई। कुछ श्रद्धालुओं के लौटने की कोशिश के दौरान धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे कई लोग गिर गए और stampede की स्थिति बन गई।
DM Mayur Dikshit ने बताया कि भगदड़ की वजह सीढ़ियों के पास करंट फैलने की अफवाह भी हो सकती है। हालांकि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मौतें दम घुटने और भगदड़ के कारण हुईं, electrocution से नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने जताया शोक
PM Narendra Modi ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “Haridwar में Mansa Devi मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर भगदड़ की घटना से दुखी हूं। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
President Droupadi Murmu ने भी इस घटना को “दुखद” बताया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री धामी का बयान और राहत पैकेज
CM Pushkar Singh Dhami ने कहा कि वह घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं और SDRF, Uttarakhand Police और अन्य राहत दल मौके पर राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। उन्होंने इस हादसे की Magisterial Inquiry के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख व घायलों को ₹50,000 की ex-gratia compensation देने की घोषणा की है।
Railing, Broken Wire और Crowd Panic — जांच के मुख्य बिंदु
DM दीक्षित ने बताया कि घटनास्थल पर टूटे हुए तार और रेलिंग के अवशेष मिले हैं, जिससे कुछ लोगों ने ऊपर चढ़ने की कोशिश की थी। इन तथ्यों की technical investigation की जा रही है।
जानिए Mansa Devi Temple का महत्व
Mansa Devi Temple Haridwar शक्ति उपासना के तीन मुख्य सिद्धपीठों में से एक है। यह मंदिर Manokamna Devi यानी इच्छाएं पूरी करने वाली देवी को समर्पित है। श्रद्धालु यहां मन्नत के धागे बांधते हैं और पूरी होने पर खोलने आते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए Ropeway (Udan Khatola) और Pedestrian Path दोनों उपलब्ध हैं।
बढ़ती भीड़ और Temple Safety पर उठे सवाल
हरिद्वार जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर Crowd Management, Electric Safety, और Emergency Preparedness को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। Pilgrim safety सुनिश्चित करने के लिए सरकार को और अधिक ठोस कदम उठाने की जरूरत है।