शिमला. यदि आप अपने बागीचें में गुठलीदार फलों के पौधें लगाने चाहते हैं तो यह समय उपयुक्त है. हिमाचल में चैरी, प्लम, खुमानी, आड़ू, बादाम गुठलीदार फलों सहित अखरोट, कीवी, नाशपती लगाने के लिए भी मौसम अनुकूल है.
बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज के मुताबिक यह मौसम स्टोन फ्रूट के लिए अच्छा है. प्रदेश के किसान बागवान इन दिनों स्टोन फ्रूट के पौधे लगा सकते हैं. ऐसे में बारिश और बर्फबारी से मिट्टी को नमी मिली है.
पौधे लगाने की विधि
विशेषज्ञ ने राय दी है कि किसान बागवान पौधा लगाने के लिए तीन बाई तीन का गड्ढा खोदें, इसमें 100 ग्राम सुपर फास्पेट और चूल्हे की राख डालें. जिसके बाद गड्ढे से निकाली गई मिट्टी में उलटफेर करें. यानी ऊपर की मिट्टी नीचे और नीचे की मिट्टी ऊपर डालकर इसे बंद कर दें. ऐसे में जब ऊपर की मिट्टी को नीचे जाने से ताकत मिलेगी.
कम से कम दस दिन तक गड्ढे की इसी तरह बंद कर रख दें. यदि अधिक जल्दी नहीं हैं तो महीना भर इसे ऐसे रखा जा सकता है.

यदि जल्दी है तो कम से कम दस दिन के अंतराल के बाद इस मिट्टी में पौधा लगाएं. साथ ही गोबर की खाद डाल दें. जिससे मिट्टी सेटल हो जाएगी और पौधा अच्छे से टिकेगा. इसके बाद मार्च महीनें में फिर दोबारा खाद डालने की आवश्यकता पड़ेगी.
प्रदेश में बारिश व बर्फबारी से तापमान में गिरावट आई है इससे सेब सहित स्टोन फ्रूट बादाम, आड़ू, खुमानी, प्लम व चैरी के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. स्टोन फ्रूट के लिए 400 से 500 घण्टे चिलिंग आवर्स की जरूरत है. महीने भर में यह चिल्लिंगआवर्स पूरे होने की संभावना बढ़ गई है. अगर चिलिंग आवर पुरे नहीं होते हैं तो इसका असर अप्रैल में फूल प्रक्रिया पर पड़ता है.