शिमला. हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अब विकास कार्यों के लिए उपायुक्तों को मिलने वाला करोड़ों का अनुदान रोक दिया. साल में हर तिमाही आम जनता के हित के लिए करोड़ों का फंड जारी होता है. जनवरी में इस फंड की आखिरी किस्त मिलनी थी. विकेंद्रीकृत योजना के तहत यह पैसा राज्य सरकार उपायुक्त कार्यालयों को जारी करती है.
विधायक निधि की तरह इस बजट पर भी रोक
नई सरकार बनने के बाद इस वित्त वर्ष की आखिरी किस्त जनवरी में तय थी, लेकिन विधायक निधि की तरह इस बजट पर भी रोक लगने से सभी विकासात्मक कार्य ठप हो गए हैं. मुख्य रूप से यह पैसा संपर्क सड़क मार्गों, सामुदायिक भवनों, युवक मंडलों, महिला मंडलों और खेल मैदानों आदि के निर्माण या रखरखाव के लिए जारी किया जाता है.
करोड़ों की ग्रांट रोकी
सभी जिला उपायुक्तों को बजट न मिलने से जनता के हित में पैसा जारी नहीं हो पा रहा है. प्रत्येक जिले में पैसा जारी करवाने के लिए आवेदन पड़े हैं. उपायुक्त कार्यालयों से एक ही जवाब दिया जा रहा है कि जब बजट आएगा, तभी पैसा जारी होगा. विधायक निधि के साथ अब विकेंद्रीकृत योजना का बजट जारी न होने से पंचायतों के विकास कार्य ठप हो गए हैं. यह पैसा सामान्य पंचायतों और पिछड़ी पंचायतों के विकास के लिए जारी होता है. वहीं मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि इस बारे में पता करने पर ही कुछ बता सकते हैं.
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना की भी रोकी थी किस्त
सरकार ने इससे पहले विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना की चौथी किस्त भी रोक दी थी. इससे विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास करवाते हैं. विधायकों को चालू वित्त वर्ष में दो-दो करोड़ रुपये मिलने थे. इस राशि में से 50-50 लाख की चौथी किस्त मुख्यमंत्री कार्यालय ने रोक दी है. यह किस्त जनवरी के पहले सप्ताह में ही जारी हो जाती थी.