नई दिल्ली. Bihar Assembly Election 2025 से पहले चल रही Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया पर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने SIR प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग को खारिज करते हुए Election Commission of India (ECI) से कहा है कि वह Aadhaar Card और EPIC (Voter ID) को वैध दस्तावेज के रूप में मानने पर विचार करे।
रोक लगाने की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची शामिल हैं, ने कहा कि चूंकि SIR प्रक्रिया अंतिम चरण में है, इसलिए इस पर स्टे देना फिलहाल उचित नहीं है। अदालत ने कहा कि प्रक्रिया के परिणाम आने के बाद ही इसके भविष्य पर विचार किया जा सकता है।
याचिकाकर्ताओं ने लगाए गंभीर आरोप
Hearing के दौरान याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि लाखों मतदाताओं की जानकारी बिना उनकी जानकारी या सहमति के अपलोड कर दी गई। कई जगहों पर मृत लोगों के नाम भी फॉर्म में मौजूद पाए गए। आधार और राशन कार्ड जैसे पहचान दस्तावेजों को स्वीकार नहीं किया गया।
चुनाव आयोग की सफाई: 92% लोगों ने भाग लिया
Election Commission ने कोर्ट को बताया कि कुल 7.89 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने SIR प्रक्रिया में भाग लिया — जो 92% से अधिक है। लगभग 35 लाख लोगों के नाम प्रारंभिक ड्राफ्ट से गायब हैं। इनमें से कुछ अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में शिफ्ट हो गए हैं। कुछ की मृत्यु हो चुकी है। कुछ ने जानबूझकर पंजीकरण नहीं कराया या फॉर्म नहीं भरा।
अंतिम रिपोर्ट 1 अगस्त तक
ECI ने बताया कि ड्राफ्ट से गायब मतदाताओं की स्थिति का अंतिम निर्णय ERO (Electoral Registration Officer) और AERO (Assistant ERO) द्वारा 1 अगस्त तक किया जाएगा।