नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय, नीट और जेईई की प्रत्यक्ष परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने संबंधी 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार के लिये छह गैर-भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी है.
इन मंत्रियों का दावा था कि शीर्ष अदालत छात्रों के ‘जीने के अधिकार’ को सुरक्षित करने में विफल रही है और उसने कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली परेशानियों को नजर-अंदाज किया है.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (एनटीए), जो दोनों परीक्षाओं का आयोजन करती है, जेईई मुख्य परीक्षा एक से छह सितंबर तक आयोजित कर रही है जबकि नीट की परीक्षाओं का आयोजन 13 सितंबर को होगा. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ चेंबर में पुनर्विचार याचिका पर विचार कर रही थी.
याचिका दायर करने वालों में पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बी एस सिदधू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत शामिल थे.